दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण सुबह के समय हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा बहुत ज्यादा
नई दिल्ली. दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण (Pollution) का स्तर लगतार बढ़ता जा रहा है. राजधानी में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) पौने चार सौ से ऊपर पहुंच चुका है. ऐसी स्थिति में लोगों के लिए इस हवा में सांस लेना भी मुश्किल होता जा रहा है. हवा की गुणवत्ता (Air Quality) बहुत खराब होने के चलते लोगों में रेस्पिरेटरी संबंधी समस्याएं (Respiratory Illness) भी पैदा हो रही हैं. हालांकि इससे भी बड़ी बात है कि दिल्ली-एनसीआर की सुबह बाकी पूरे दिन के मुकाबले सबसे ज्यादा प्रदूषित है. ऐसे में अगर आप भी मॉर्निंग वॉक (Morning Walk) पर जाते हैं तो सावधान हो जाएं.
काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वॉटर (CEEW) में प्रोग्राम लीड तनुश्री गांगुली कहती हैं कि दिल्ली में हवा की गुणवत्ता पर सीईईडब्ल्यू का ग्राफ यह बताता है कि दिल्ली में प्रदूषण स्तर का हवाओं की रफ्तार से सीधा संबंध है. हवा की गति और दिशा जैसे मौसम संबंधी कारण हवा की गुणवत्ता और प्रदूषण स्तर (Pollution Level) को मुख्य रूप से प्रभावित करते हैं. गांगुली कहती हैं कि दोपहर के बाद चलने वाली तेज हवाएं प्रदूषण को हटाने में मदद करती है, जबकि अक्सर सुबह के वक्त चलने वाली धीमी हवाएं (Slow Wind) प्रदूषण के फैलाव को रोकती है. इसका नतीजा होता है कि सुबह के समय हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा बहुत ज्यादा हो जाती है. तेज हवाओं से प्रदूषण के फैलाव के चलते दोपहर के आसपास पॉल्यूशन के स्तर में कमी आ जाती है.
तनुश्री कहती हैं कि एक तरफ पंजाब और हरियाणा में खेतों में पराली (Parali) को जलाने के लिए आग लगाने से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण (Air Pollution in Delhi-NCR) बढ़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ तापमान में और गिरावट होने का भी असर पड़ रहा है. तापमान को गर्म रखने के लिए लोग लकड़ी, कोयला (Coal) या दूसरे बायोमास जलाएंगे जिससे दिल्ली में उत्सर्जन का दबाव बढ़ जाएगा. यह आखिरकार प्रदूषण को ही बढ़ावा देगा.
वे कहती हैं कि दिल्ली-एनसीआर का ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) अपेक्षा करता है कि मकान मालिक और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) अपने सुरक्षा कर्मचारियों को बिजली के हीटर मुहैया कराएं, ताकि उत्सर्जन हो रोका जा सके. इसके साथ ही दिल्ली सरकार और नगर निगम (Municipal Corporation) को चाहिए कि वह दिल्ली की बेघर आबादी के लिए जरूरी इंतजाम सुनिश्चित करें.
यही वजह है कि विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली-एनसीआर में सुबह पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा काफी ज्यादा होने के चलते इस हवा में सांस लेना काफी खतरनाक हो सकता देखा गया है कि मॉर्निंग वॉक (Morning Walk) करने वाले ज्यादातर लोग मास्क (Mask) नहीं पहनते हैं, ऐसे में हवा में मौजूद प्रदूषण सांस के माध्यम से उनके अंदर दिन के अन्य पहरों के मुकाबले सुबह सबसे ज्यादा जाता है. लिहाजा लोगों को चाहिए कि वे सुबह बाहर निकलने के बजाय दोपहर में निकलें. इससे कम प्रदूषित हवा (Polluted Air) को अंदर खींचेंगे और बीमारियों से बचेंगे.