संदेशखाली पर बंद होनी चाहिए राजनीति : सांसद नुसरत जहां

Update: 2024-02-26 02:01 GMT

बंगाल। पश्चिम बंगाल में संदेशखाली को लेकर बवाल मचा हुआ है. उत्तर 24 परगना जिले का यह गांव कई हफ्तों से विवाद के केंद्र में है. संदेशखाली की कई महिलाओं ने टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उनके सहयोगियों के खिलाफ यौन उत्पीड़न और अवैध रूप से जमीन हड़पने के आरोप लगाए हैं. इसके अलाव स्थानीय लोगों और विपक्षी नेताओं ने टीएमसी सांसद नुसरत जहां पर भी आरोप लगाए हैं कि जबसे वो सांसद बनी हैं, तबसे इलाके में कदम नहीं रखा है. तृणमूल सांसद ने रविवार को इन आरोपों का जवाब दिया है.

बसीरहाट सांसद ने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि मैंने खुशी के समय, मुसीबत के समय में अपने निर्वाचन क्षेत्र में लोगों की सच्ची सेवा की है. इसके साथ ही उन्होंने संदेशखाली मामले को लेकर कहा कि इसका राजनीतिकरण बंद होना चाहिए. नुसरत ने एक स्थानीय अखबार में छपे आर्टिकल का जवाब भी दिया है, जिसमें संदेशखाली के स्थानीय लोगों के हवाले से कहा गया था कि उन्होंने सांसद के रूप में चुने जाने पर अपने वादे पूरे नहीं किए. इसके अलावा लेख में संदेशखाली के विधायक सुकुमार महतों का भी हवाला दिया गया था, जिन्होंने कहा कि अगर नुसरत जहां संदेशखाली का दौरा करतीं तो टीएमसी पर लोगों का भरोसा मजबूत होता.

इस आर्टिकल में बीजेपी सांसद दिलीप घोष ने नुसरत जहां की आलोचना करते हुए कहा, "जहां संदेशखाली जल रहा है, जबकि सांसद डॉग डे, चॉकलेट डे और वेलेंटाइन डे मना रही हैं." टीएमसी सांसद ने जवाब दिया, "इस तरह के आरोपों से दिल दहल जाता है. एक महिला के रूप में, एक जन प्रतिनिधि के रूप में मैंने हमेशा अपनी पार्टियों के दिशानिर्देशों का पालन किया है और लोगों की सेवा की है."

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