Shahjahan Sheikh: पुलिस हिरासत में शाहजहां शेख की दबंग चालढाल पर मचा सियासी बवाल
नई दिल्ली: संदेशखाली हिंसा के मुख्य आरोपी टीएमसी नेता शाहजहां शेख को आखिरकार 55 दिनों के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। बंगाल पुलिस ने शाहजहां शेख को बशीरहाट कोर्ट में पेश किया। जहां कोर्ट ने उसे 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया। हालांकि, पुलिस ने कोर्ट से शाहजहां शेख की 14 दिन की रिमांड मांगी थी। पुलिस द्वारा शेख शाहजहां की गिरफ्तारी को लेकर अब सियासी घमासान तेज हो गया है।
भारतीय जनता पार्टी ने टीएमसी नेता शेख शाहजहां की इतने दिनों बाद गिरफ्तारी पर सवाल उठाए हैं। वैसे डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश में संदेशखाली हिंसा के मुख्य आरोपी शेख शाहजहां पर टीएमसी की तरफ से उसकी गिरफ्तारी के बाद बड़ा एक्शन लिया गया है और उसे 6 साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया गया है।
भाजपा के नेताओं का आरोप है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शाहजहां की गिरफ्तारी एक सुनियोजित तरीके और एक सौदे के तहत मजबूरी में करवाई है। जिससे की वह पुलिस हिरासत में पूरी तरह से सुरक्षित रह सके। चौंकाने वाली बात यह भी है कि शाहजहां शेख की गिरफ्तारी संदेशखाली में महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न या जबर्दस्ती जमीन कब्जाने जैसे आरोप में नहीं, बल्कि ईडी अधिकारियों पर हमले को लेकर की गई है। वह तब जब बीते दिनों कलकत्ता हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए जांच एजेंसियों को उसे गिरफ्तारी करने का आदेश दिया था।
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने शाहजहां की गिरफ्तारी को लेकर ममता बनर्जी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर शेख शाहजहां को बंगाल पुलिस द्वारा कोर्ट ले जाने का वीडियो भी शेयर किया है।
अमित मालवीय ने पोस्ट में लिखा, ''क्या यह गिरफ्तारी है? पश्चिम बंगाल पुलिस शेख शाहजहां को ऐसे एस्कॉर्ट कर रही है, जैसे वह सीएम ममता बनर्जी को एस्कॉर्ट करेंगे। इतने दिनों से शेख शाहजहां पश्चिम बंगाल पुलिस की सुरक्षा में था। जैसे ही कलकत्ता हाईकोर्ट ने ईडी और सीबीआई को शेख शाहजहां को गिरफ्तार करने की इजाजत दी, ममता बनर्जी की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।''
आगे अमित मालवीय ने लिखा, ''ईडी और सीबीआई के वकीलों को अंदर जाने से रोकने के लिए वह उसे जल्दी से एक स्थानीय अदालत में ले गए। इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि संदेशखाली की महिलाओं को ममता बनर्जी पर कोई भरोसा नहीं है।''
वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शेख शाहजहां की बंगाल पुलिस द्वारा गिरफ्तारी को लेकर ममता बनर्जी पर हमला बोला। उन्होंने कहा, "शाहजहां शेख महफूज ठिकाने पर ममता सरकार की दामन-ए-रहमत में कहीं पर महफूज था। अब उसे दोबारा हिफाजत देने के लिए ताकि उसे ईडी और सीबीआई द्वारा गिरफ्तार न किया जा सके, इसलिए पश्चिम बंगाल पुलिस की मेहमान नवाजी में चला गया है।"
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि मैं मेहमान नवाजी इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि गिरफ्तारी के दौरान शाहजहां शेख की जो बॉडी लैंग्वेज थी, वह किसी गुनहगार की नहीं लग रही थी।
इसके साथ ही बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि ऐसा लगता है कि शाहजहां शेख को दीदी यानी ममता बनर्जी का संरक्षण प्राप्त है। पूनावाला ने कहा कि शाहजहां शेख की गिरफ्तारी बीजेपी के दबाव में की गई है।
बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने भी शेख शाहजहां की गिरफ्तारी की टाइमिंग को लेकर सवाल उठाए हैं और कहा, "यह गिरफ्तारी नहीं है, यह ममता सरकार द्वारा की गई आश्वासन पूर्ण गिरफ्तारी है कि आपको जेल में कुछ नहीं होगा।"
उन्होंने कहा कि जब तक यह छोटा दाऊद केंद्रीय एजेंसियों के पास नहीं जाता, तब तक संदेशखाली के लोगों और खासकर पीड़ित महिलाओं को न्याय मिलने वाला नहीं है। बता दें कि पुलिस द्वारा जब शाहजहां शेख को अदालत में पेश किया गया तो वह दबंग अंदाज में नजर आया। महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न जैसे संगीन आरोप लगने के बाद भी शेख शाहजहां के चेहरे पर मुस्कान थी और उसके चेहरे पर किसी भी तरह की शिकन नहीं थी, इतना ही नहीं पुलिस की हिरासत में भी वह एकदम निडर होकर चल रहा था और मीडियाकर्मियों को विक्ट्री साइन दिखा रहा था।