महाराष्ट्र में राजनीतिक उठापटक जारी, दल बदल विरोधी कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी लगी

Update: 2022-06-24 09:04 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में शिवसेना विधायकों की बगावत के बाद राजनीतिक संकट जैसे हालात बन रहे हैं. बागी गुट और शिवसेना नेताओं के बीच चल रही सियासी रार के बीच दलबदल निरोधक कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल हुई है. याचिकाकर्ता ने महाराष्ट्र में बने हालात के बहाने याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से दलबदल निरोधक कानून को ज्यादा कारगर बनाने के लिए अतिरिक्त कानूनी उपाय करने की गुहार लगाई है.

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट के एक पुराने फैसले का भी हवाला दिया है. याचिकाकर्ता ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक मुताबिक सरकार को कुछ कानूनी उपाय करने थे. याचिका में ये भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सरकार ने संसद के जरिये कानूनी उपाय करने की दिशा में अब तक कोई कदम नहीं उठाया है.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सीटी रविकुमार और जस्टिस सुधांशु धूलिया की अवकाशकालीन पीठ ने इस याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है. जस्टिस सीटी रविकुमार और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि इस मामले में बुधवार (29 जून) को सुनवाई होगी. गौरतलब है कि ये याचिका मध्य प्रदेश कांग्रेस की महिला नेता जया ठाकुर ने दाखिल की है.
जया ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट से दलबदल में शामिल सभी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की है. याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से ये मांग की है कि दलबदल करने वाले विधायकों के चुनाव लड़ने पर पांच साल के लिए रोक लगाने का निर्देश दिया जाए. अयोग्य घोषित किए जाने वाले और इस्तीफा देने वाले विधायकों को पांच साल तक चुनाव लड़ने से रोका जाए.
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