बढ़ेगी सियासी हलचल, आम आदमी पार्टी ने लिया ये फैसला

Update: 2022-09-01 05:05 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान

नई दिल्ली: सितंबर में पूरे भारत में सियासी हलचल तेज रहने के आसार हैं। एक ओर जहां कांग्रेस 7 सितंबर से 'भारत जोड़ो' यात्रा शुरू करने की तैयारी कर रही है। वहीं, आम आदमी पार्टी ने भी 7 सितंबर से ही 'मेक इंडिया नंबर वन' अभियान की शुरुआत करने का फैसला किया है। कहा जा रहा है कि आप राष्ट्रीय राजनीति में कांग्रेस की जगह लेने की तैयारी कर रही है। वहीं, गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच यात्रा अहम साबित हो सकती है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हरियाणा से 7 सितंबर से अखिल भारतीय अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं। इसके जरिए आप पार्टी संगठन विस्तार और 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रही है। खास बात है कि आम चुनाव से पहले देश के 7 अहम राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। केजरीवाल 'मेकिंग इंडिया नंबर 1' के जरिए राज्यों में रैलियां, युवाओं के साथ बैठकें और तिरंगा यात्राएं करेंगे। इसकी शुरुआत हरियाणा में 7-8 अक्टूबर को होने वाले दो दिवसीय कार्यक्रम से होगी।
गुजरात और हिमाचल प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। अब सवाल है कि इसके बाद भी आप ने हरियाणा क्यों चुना? दरअसल, पंजाब में मिली ऐतिहासिक जीत का फायदा आप हरियाणा में उठाने की कोशिश कर रही है। इस कार्यक्रम में पंजाब के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी उनके साथ होंगे। खबर है कि वह आदमपुर और हिसार में रैलियों के जरिए अभियान की शुरुआत करेंगे।
चेन्नई के पास श्रीपेरंबदूर स्मारक पर श्रद्धांजलि देने के बाद राहुल 7 सितंबर को कन्याकुमारी से भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत करेंगे। पदयात्री कन्याकुमारी से तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, नीलांबर, मैसूर, बेलारी, रायचूर, विकाराबाद, नांदेड़, जलगांव, इंदौर, कोटा, दौसा, अलवर, बुलंदशहर, दिल्ली, अंबाला, जम्मू जाएंगे और यात्रा का अंत कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में होगा।
साल 2013 में केजरीवाल ने दिल्ली की तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ चुनाव लड़ा था। तब दीक्षित ने कहा था, 'कौन है अरविंद केजरीवाल? क्या है आप। क्या यह ऐसी पार्टी है, जिसकी तुलना कांग्रेस या भारतीय जनता पार्टी से की जा सके।' खास बात है कि तब केजरीवाल ने न केवल कांग्रेस नेता को हराया, बल्कि उनकी पार्टी ने कांग्रेस के हाथों से दिल्ली भी छीन लिया।
यही हाल पंजाब विधानसभा में भी हुआ। केजरीवाल ने तब पंजाब के मुख्यमंत्री रहे चरणजीत सिंह चन्नी दोनों सीटों से हार रहे हैं। नतीजा भी यही हुआ और चन्नी अपने गढ़ चमकौर साहिब और भदौर सीट से हार गए। खास बात है कि दोनों ही सीटों पर केजरीवाल की पार्टी के उम्मीदवार ने उन्हें हराया। वहीं, चुनाव का अंतिम नतीजा भी यही हुआ कि कांग्रेस के हाथों से पंजाब भी निकल गया और आप ने शानदार 92 सीटों पर जीत दर्ज की।
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