फर्जी बयान पेश करने वाले पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज, केस दर्ज

Update: 2022-04-09 02:28 GMT

यूपी। उत्तर प्रदेश पुलिस बिना जिला न्यायालय के आदेश और जेल में बंद आरोपी के बिना बयान लिए ही जिला न्यायालय में आरोपी के बयान को दाखिल कर दिया. आरोपी ने अपने वकील को बताया कि जांच अधिकारी ने जेल में उससे किसी प्रकार का कोई बयान नहीं लिया था. जिसके बाद वकील ने जिला न्यायालय में आपत्ति दर्ज कराई. जिला न्यायालय ने एक जांच अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. साथ ही मेरठ आर्थिक अपराध शाखा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक समेत चार अन्य इंस्पेक्टर के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

बाइक बोट कंपनी के मामले में आर्थिक अपराध शाखा के इंस्पेक्टर केपी शर्मा के खिलाफ जिला न्यायालय द्वारा उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. इसके साथ ही आर्थिक अपराध शाखा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक समेत चार अन्य इंस्पेक्टरों के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया गया है. दरअसल मामला ग्रेटर नोएडा के एक बाइक बोट कंपनी के मालिक संजय भाटी से जुड़ा हुआ है. संजय भाटी के ऊपर आरोप है कि उन्होंने लगभग सवा दो लाख लोगों के अरबों रुपए की ठगी की थी. पुलिस ने इस मामले में संजय भाटी को आरोपी बनाकर जेल भेज दिया था. घोटाले के मुख्य आरोपी संजय भाटी के वकील ने जिला न्यायालय में अर्जी दाखिल कर बताया कि जांच अधिकारी इंस्पेक्टर केपी शर्मा दिसंबर 2020 में जिला कारागार गए थे.

कोर्ट के आदेश पर जांच अधिकारी ने जेल गए आरोपियों में जिसमें विजय कुमार, सतेंद्र उर्फ मोंटी वसीम, दिनेश पांडे, रेखा और रविंद्र के बयान दर्ज किए. लेकिन बिना जिला न्यायालय के आदेश के जांच अधिकारी ने जेल में बंद मुख्य आरोपी संजय भाटी के भी बयान दर्ज कर लिए. आरोपी के अधिवक्ता अमित चौहान ने बताया कि जांच अधिकारी ने इतना ही नहीं दूसरी बार भी आरोपी संजय भाटी से बिना मिले ही उसका बयान दर्ज किया और उसे जिला न्यायालय में दाखिल कर दिया. संजय भाटी ने अपने वकील को बताया कि उन्होंने जांच अधिकारी को किसी भी प्रकार का कोई बयान दर्ज नहीं दिया है.

इस पर अधिवक्ता अमित चौहान ने आपत्ति दर्ज कराई और आर्थिक अपराध शाखा के जांच अधिकारी केपी शर्मा के विरुद्ध झूठे बयान पेश करने और केस को गलत दिशा में ले जाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराने की बात कही. जिसके बाद जिला न्यायालय द्वारा जांच अधिकारी केपी शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ और आर्थिक अपराध शाखा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक समेत चार अन्य निरीक्षकों के खिलाफ धारा 193, 195 और 196 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.

इधर ग्रैंड वेनिस मॉल के मालिक सतेंद्र उर्फ बोलती वसीम ने बताया कि वह पूरी तरीके से निर्दोष हैं और कुछ भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों के द्वारा उनको बाइक बोट जैसे मामले में फंसाया गया है. उनको इस न्यायालय प्रणाली पर पूरा भरोसा है. फिलहाल जिला न्यायालय के आदेश पर आर्थिक अपराध शाखा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक समेत 6 निरीक्षकों के खिलाफ झूठे बयान दर्ज कराने और कोर्ट को गुमराह करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया कराया गया है. सभी को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए गए हैं.


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