पुलिसकर्मियों ने शराब नहीं पीने की ली शपथ...सीएम की बैठक में लिया गया था यह निर्णय

नियम का पालन नहीं करने पर होगी कार्रवाई

Update: 2020-12-21 14:07 GMT

पटना- बिहार में मद्य निषेध नीति के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए 21 दिसंबर को बिहार के सभी पुलिसकर्मियों शराब नहीं पीने की शपथ ली. बीते दिनों मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में निर्णय लिया गया था कि पुलिस विभाग से संबंधित सभी प्रतिष्ठानों में कार्यरत पुलिस पदाधिकारियों एवं कर्मियों को शराब नहीं पीने के संबंध में पुन: शपथ दिलायी जाए. बिहार में पिछले 4 सालों से शराबबंदी है, लेकिन यहां के लोग शराब जमकर पी रहे हैं. आंकड़ों की माने तो बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब पीने के मामले में राज्य महाराष्ट्र सहित कई राज्यों से आगे हैं.

बताते चलें कि इस दौरान सभी पुलिसकर्मियों ने आजीवन शराब का सेवन नहीं करने की शपथ ली. पुलिसकर्मियों ने इस बात कि भी शपथ ली कि अपने दैनिक जीवन में भी शराब से संबंधित गतिविधियों में किसी प्रकार से शामिल नहीं होंगे. यदि शराब से संबंधित किसी भी गतिविधि में शामिल पाए गए तो नियमानुसार कठोर कार्रवाई के भागीदार बनेंगे. इसके लिए पुलिस मुख्यालय की ओर से शपथ पत्र का प्रारूप भी जारी किया गया है. शपथ पत्र को संबंधित प्रतिष्ठान के वरीय पदाधिकारी प्रमाणित करेंगे.

गौरतलब है कि बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद से अबतक तीन बार पुलिसकर्मी शराब नहीं पीने को लेकर शपथ ले चुके हैं. 24 जून 2019, 26 नवंबर 2018 और 5 अप्रैल 2016 को उन्हें शपथ दिलायी गई थी. शराबबंदी कानून लागू होने के बाद लापरवाही बरतने और अवैध शराब व्यापार को संरक्षण देने के आरोप में अब तक 430 पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की जा चुकी है. इनमें 56 से अधिक पुलिस कर्मियों को शराब पीने, तस्करों को संरक्षण देने और कार्रवाई न करने के आरोप में नौकरी से बर्खास्त किया जा चुका है.

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