पुलिसकर्मियों का सरकारी स्कूल में रैन बसेरा, 500 बच्चों की पढ़ाई ठप, ये है वजह

Update: 2021-09-14 18:21 GMT

छपरा. आपने अक्सर यह स्लोगन देखा, पढ़ा और सुना होगा, 'पुलिस आपकी सेवा में'. लेकिन बिहार के छपरा में इससे उलट हो रहा है. यहां के एक सरकारी विद्यालय पर पुलिसवालों ने कब्जा जमा लिया है. यह स्कूल अब पुलिसकर्मियों का रैन बसेरा बन गया है. स्कूल की बेंच जिस पर बच्चे बैठ कर पढ़ाई-लिखाई करते हैं उसे पुलिसवालों ने पलंग बना लिया है और चैन की नींद सो रहे हैं. इससे बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है. कोरोना वायरस  का खतरा कम होने के बाद अगस्त से सभी विद्यालय खुल चुके हैं लेकिन इस स्कूल में बच्चे अभी भी नहीं आ रहे हैं.

विद्यालय की हेडमास्टर (प्रधानाध्यापिका) सरोज कुमारी ने बताया कि कोरोना के कारण लगभग दो साल से तमाम विद्यालयों में पठन-पाठन बाधित था. संक्रमण के मामलों में कमी आने के बाद अब स्कूल खुल गए हैं. लेकिन छपरा में सदर प्रखंड विष्णुपुरा के अर्जुन सिंह मध्य विद्यालय में छात्रों की पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी है. इसकी वजह है कि स्कूल में छात्रों की क्लास में दंगा निरोधक दस्ते का कैंप लगा हुआ है. उन्होंने कहा कि यह कैंप तब लगाया गया था, जब कोरोना काल में स्कूल बंद थे. लेकिन अब आसपास के सारे स्कूल खोल दिए गए हैं तब भी अर्जुन सिंह मध्य विद्यालय के 500 छात्र घर बैठे हुए हैं. क्योंकि उनके स्कूल से कैंप नहीं हटाया गया है. इस वजह से छात्र-छात्राएं रोज विद्यालय आकर वापस लौट जाते हैं.
'रोज स्कूल आते हैं, लेकिन बैरंग वापस लौटना पड़ता है'
विद्यालय की छात्रा तन्नु कुमारी ने बताया कि वो रोज इस उम्मीद में स्कूल आती हैं कि आज क्लास चलेगा लेकिन उनको बैरंग घर वापस लौटना पड़ता है. वहीं, स्थानीय लोगों की मानें तो इस कैंप को हटाने के लिए कई बार पुलिस अधीक्षक (एसपी) से लेकर मुख्यमंत्री के शिकायत कोषांग तक में शिकायत की जा चुकी है लेकिन यहां कैंप ज्यों का त्यों बना हुआ है.
प्रधानाध्यापिका सरोज कुमारी ने कहा कि उन्होंने स्कूल से कैंप हटाने के लिए ​अपने विभाग को लिखा है. इस संबंध में वो जिला शिक्षा पदाधिकारी को अगस्त के मध्य में चिट्ठी भेज चुकी हैं लेकिन लगभग एक माह बीत जाने के बाद भी इस बारे में कोई कार्रवाई नहीं की गई है. वहीं, दंगा निरोधक दस्ते के पदाधिकारी इसे सरकार का निर्णय बता कर पल्ला झाड़ रहे हैं. दस्ते के सब-इस्पेक्टर देवल दास ने बताया कि वो सरकारी आदेश का पालन करते हुए विद्यालय में कैंप किए हुए हैं, आदेश मिलते ही वो इसे खाली कर देंगे.
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