शिकायतकर्ता के पत्र से पुलिसवाले परेशान, हिंदी और अंग्रेजी के बीच फंसा मामला
जानिए फिर क्या हुआ
यूपी। जिला गाजियाबाद में यूपी पुलिस की एक अजीबोगरीब दलील आजकल लोगों को जुबां पर है. नियम है कि थाने में किसी भी घटना की रिपोर्ट तुरंत ही दर्ज होनी चाहिए. इसके लिए शिकायतकर्ता चाहे मौखिक में जानकारी दे या फिर अंग्रेजी में या हिंदी में लिख कर दे, लेकिन गाजियाबाद में एक शिकायकर्ता की अंग्रेजी में लिख कर दी शिकायत पर कई दिनों तक मामला ही दर्ज नहीं हुआ. शिकायतकर्ता के मुताबिक पुलिसवाले ने हिंदी में लिखकर शिकायत देने को कहा. जब हिंदी में भी लिख कर शिकायत दी तो कहा गया कि अब समझ में ही नहीं आ रहा है. आखिरकार सात दिनों के बाद किसी तरह एफआईआर दर्ज हुई वो भी दोबोरा से अंग्रेजी में लिख कर शिकायत देने के बाद.
एसोचैम के संयुक्त निदेशक संतोष पराशर राजनगर एक्सटेंशन के एक सोसायटी में रहते हैं. कुछ दिन पहले ही उनकी पत्नी के साथ चेन स्नैचिंग की घटना हुई थी. पराशर इसकी शिकायत करने राजनगर थाने पहुंचे और अंग्रेजी में शिकायत लिख कर दी. दो-तीनों के बाद पता चला कि मामला अभी तक दर्ज ही नहीं हुआ है. केस दर्ज नहीं होने पर पराशर फिर थाने पहुंचे तो थाने में मौजूद पुलिसकर्मी ने कहा कि हिंदी में दोबारा से लिख कर शिकायत दीजिए. पराशर ने हिंदी में शिकायत लिख कर दी इसके बावजूद भी कई दिनों तक मामला दर्ज नहीं हुआ. पराशर ने इसकी शिकायत जब ऊपर के अधिकारियों से करने की तो पुलिसवाले ने कहा कि अंग्रेजी में ही शिकायत लिख कर दीजिए. आखिरकार सात दिनों के बाद एफआईआर दर्ज हुआ.
इस घटना की जानकारी मिलने पर वरिष्ठ अधिकारियों ने दोषी पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई की बात की है. गाजियाबाद के सीओ सेकंड अवनिश गौतम मीडिया से बात करते हुए कहते हैं, 'अगर ऐसा हुआ है तो गलत हुआ है. इसकी जांच की जाएगी कि आखिरकार वादी को क्यों परेशान किया गया? गलती जिस किसी की भी होगी सख्त कार्रवाई की जाएगी.'