पुलिस की एसआईटी टीम ग्रेटर नोएडा तुस्याना भूमि घोटाले में बड़ी मछलियों की तलाश में
एनसीआर नॉएडा न्यूज़: तुस्याना भूमि घोटाले में बड़ी मछलियां भी जल्दी पुलिस के जाल में फंसती नजर आएगी। अब 17 अफसर और राडार पर हैं। पुलिस की एसआईटी टीम पूरे मामले की कड़ी से कड़ी जोड रही है। पुलिस की एसआईटी टीम ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के तमाम विभागों से तुस्याना भूमि घोटाले से संबंधित कागजात एकत्र करने में लगी है। वहीं, अभी तक तुस्याना भूमि घोटाले में नामजद आरोपी खुले में घूम रहे हैं। इनमें ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के पूर्व जीएम समेत कई लोग शामिल हैं। भाजपा के एक स्थानीय नेता का रिश्तेदार का भी नाम सामने आ रहा है।
ये 17 अफसर भी रडार पर:
तत्कालीन सीईओ
तत्कालीन एसीईओ
पूर्व जीएम
प्लानिंग विभाग के जीएम समेत 5 अधिकारी
प्रॉजेक्ट विभाग के ओएसडी
प्रॉजेक्ट विभाग के सीनियर मैनेजर
टैक्निकल मैनजेर
लैंड विभाग के प्लॉट लगाने वाले 5 अफसर
फर्जी तरीके से मुआवजा देने वाले लैंड विभाग के तत्कालीन एडीएम
कैलाश भाटी को कोर्ट ने फिर दिया झटका, नहीं मिली जमानत
तुस्याना भूमि घोटाले में एक बार फिर भाजपा के एमएलसी नरेंद्र भाटी के भाई कैलाश भाटी को बड़ा झटका लगा है। गुरुवार को भी कैलाश भाटी को जमानत नहीं मिली। यानी कि अभी और ज्यादा समय तक कैलाश भाटी को जेल में बितानी पड़ेगी। कैलाश भाटी ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में प्रबंधक पद पर रहते हुए तुस्याना गांव में लगभग 250 करोड़ रुपए की भूमि का घोटाला करवाया था। इस मामले में गौतमबुद्ध नगर की ईकोटेक-3 कोतवाली पुलिस ने कैलाश भाटी समेत 4 लोगों को बीते 16 नवंबर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
कैलाश भाटी क्यों गए जेल
दादरी तहसील के गांव तुस्याना में खसरा संख्या 987, 1104, 1105 और 1106 में ग्राम समाज की जमीन थी। यह जमीन टेक्नोलॉजी पार्क लिमिटेड नाम की कंपनी ने अधिग्रहित कर ली थी। इसके बाद जमीन कंपनी की खतौनी में खाता संख्या 279 और 280 में दर्ज की गई। चकबंदी से पहले इन खसरों में ग्राम समाज की जमीन, बंजर, नाली, गैर मुमकिन और पट्टों की जमीन थी।