महिला की संदिग्ध मौत के महीनों बाद पुलिस के हाथ खाली

Update: 2021-12-25 11:58 GMT

गरियाबंद. जेंजरा की लोमेश्वरी साहू की संदिग्ध मौत के महीने भर बाद भी कारणों का खुलासा नही होने पर ग्रामीणों ने पुलिस अधीक्षक जे आर ठाकुर से टीम गठित कर जांच की मांग की है। ग्रामीणों ने सैंकड़ो की संख्या में पीड़ित परिवार के साथ एसपी द्वारा आयोजित जनदर्शन में पहुंचकर जांच की मांग की है। ग्रामीणों द्वारा ज्ञापन और मृतिका के भाई द्वारा ज्ञापन भी सौपा गया है जिसमे उन्होंने महीने भर बाद भी जांच में कोई प्रगति नही होने की बात कही है। जिससे ग्रामीण नाराज जाहिर की है। और ग्रामीणों ने टीम गठित कर जांच की मांग की है। पुलिस अधीक्षक जे आर ठाकुर ने ग्रामीणों को जांच का भरोसा दिलाया है।

32 वर्षीय लोमेश्वरी 20 नवंबर की सुबह शौच के लिए घर से निकली थी जिसके बाद उसका शव सड़क किनारे संदिग्ध हालत में बरामद हुआ था। राजिम पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को विवेचना में लिया था। मगर मामले में अबतक पुलिस के हाथ खाली है। मृतिका के भाई, गांव की महिला सरपंच हीरामणि साहू, ग्रामीण दिलीप साहू सहित ग्रामीणों ने लोमेश्वरी की हत्या होने की आशंका जाहिर करते हुए स्पेशल टीम से जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि गांव में अबतक 4 से अधिक महिलाओं की हत्या हो चुकी है। आरोपी भी गिरफ्तार हो चुके है। उन्होंने लोमेश्वरी के हत्यारों को भी जल्द सजा देने की मांग की है। एसपी द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद ग्रामीणों को एक बार फिर मामले के खुलासे की उम्मीद जगी है।

एसपी जे आर ठाकुर ने ग्रामीणों को बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कारण स्पष्ट नही होने के कारण मृत्यु के कारण स्पष्ट नही हो पाए इसलिए बिसरा रिपोर्ट को एफईसीएल जांच के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट आने पर उचित कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले 20/11/21 को राजिम थाना प्रभारी को दिया गया है। और 23/11/21 को पुलिस अधीक्षक गरियाबंद को दिया है। और 6/12/21 डीजीपी महोदय को भी दिया है। फिर भी इस मामले का खुलाशा नही हो पाया है।और अभी तक संतुष्ट जनक कार्यवाही नही हो पाई है।जिससे ग्रामीण और मृतिका के भाई पूरी तरह से नाराज हुए। आखिर कार ग्रामीण पुलिस अधीक्षक से कड़ी कार्यवाही की मांग की है।

भेषकुमार साहू, मृतक का भाई

उनके भाई ने बताया कि अगर हमे न्याय नही मिला तो हम रायपुर में मुख्यमंत्री निवास के सामने ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठने को मजबूर हो जाएंगे।



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