अतीक अहमद के हत्यारों को लेकर पुलिस ने दिया ये बयान, जानिए क्या...
जल्द होगा कई बड़े खुलासे
प्रयागराज। माफिया अतीक अहमद और अशरफ के हत्या के तीनों आरोपी प्रतापगढ़ जिला कारागार में बंद हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हत्याकांड की जांच में जुटी STF मंगलवार देर रात प्रतापगढ़ जेल पहुंची. STF के जिला जेल पहुंचने पर बंदियों और जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया. बताया जा रहा है कि STF ने अतीक और अशरफ हत्याकांड के आरोपियों लवलेश सिंह, अरुण मौर्य और सनी सिंह को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की. इधर, बुधवार की तड़के सुबह STF की टीम हत्यारोपियों से 5 घंटे पूछताछ के बाद निकल गई. बता दें कि माफिया अतीक अहमद और अशरफ अहमद की 15 अप्रैल को पुलिस कस्टडी में ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी थी. हत्यारोपी तीनों शूटर लवलेश सिंह, अरुण मौर्य और सनी सिंह को सुरक्षा की दृष्टि से प्रतापगढ़ जेल में ही रखा गया है.
अलकायदा से धमकी मिलने के बाद जिला कारागार में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा गई है. वहीं बुधवार को अचानक DIG जिला जेल प्रतापगढ़ पहुंचे. जहां जिला कारागार में पहुंचकर निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने शूटरों के बैरक को देखा और हाई सिक्योरिटी बैरक की छानबीन की. जहां से व्यवस्थाओं का जायजा लेने के बाद रवाना हो गए. साथ ही जेल प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. गौरतलब है कि आतंकवादी संगठन अल-कायदा ने सात पन्नों की मैग्जीन जारी कर कहा कि इस हत्याकांड का बदला लेने की बात कही है. कुख्यात आतंकी संगठन की इस धमकी के बाद जांच एजेंसियां हाई अलर्ट पर आ गई हैं. तीनों आरोपियों को कोर्ट ने चार दिनों की रिमांड में भेज दिया था, जो रविवार शाम 5 बजे खत्म हो गई. जिसके बाद तीनों को प्रतापगढ़ लाया गया.
माफिया अतीक अहमद के प्रयागराज स्थित दफ्तर में मिले खून के धब्बों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. यूं तो ये बात पहले ही साफ हो गई थी कि खून किसी जानवर का नहीं बल्कि इंसान का है, लेकिन अब पुलिस ने ये भी पता लगा लिया है कि आखिर ये खून किसका था. इस मामले में पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार भी किया है, उसी का ये खून बताया जा रहा है. दरअसल, चकिया स्थित अतीक अहमद के दफ्तर में खून के धब्बे, खून से सना दुपट्टा और एक चाकू मिला था. शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने बताया था कि खून के धब्बे एक से दो दिन पुराने थे. एफएसएल की रिपोर्ट के बाद यह साफ हो गया कि ये खून के धब्बे किसी इंसान के ही हैं. शुरुआत में पुलिस आशंका जता रही थी कि यहां किसी का कत्ल किया गया होगा या किसी ने आत्महत्या की थी. मगर, सवाल यह भी है कि अगर हत्या हुई थी या सुसाइड किया गया था, तो लाश कहां गई.
मामले की छानबीन करते हुए पुलिस उस शख्स तक पहुंच गई, जिसका ये खून था. उसका नाम शाहरुख है, जो अपने साथी के साथ लोहा चोरी करने के इरादे से अतीक के दफ्तर में घुसा था. इसी दौरान उसे चोट लगी और खून फर्श पर गिर गया. पुलिस ने शाहरुख को गिरफ्तार कर लिया है. आगे की जांच के लिए उससे पूछताछ की जा रही है. जानकारी देते हुए डीसीपी दीपक भूकर ने बताया कि शाहरुख नाम के शख्स को गिरफ्तार किया गया है. पूछताछ में उसने बताया कि वह अपने एक साथी के साथ लोहा चोरी करने के इरादे से अतीक के दफ्तर में घुसा था, लेकिन उसको चोट लग गई और खून निकलने लगा. उसका दूसरा साथी दफ्तर के बाहर खड़ा होकर निगरानी कर रहा था. खून निकलने पर वह ऊपर की तरफ भागा और जो कपड़े मिले, उसे अपने खून को साफ किया.
अधिकारी ने बताया कि शाहरुख ने बताया कि उन्होंने पास में दुकान से जाकर खून साफ करने के लिए पानी की बोतल भी खरीदी, लेकिन उसके पास पैसा नहीं थे. पुलिस के मुताबिक उसके बयानों को स्टेबलिश कर लिया गया है. शाहरुख को गिरफ्तार कर लिया गया है. शाहरुख नशेड़ी है, इसके दूसरे साथी की तलाश की जा रही है. पुलिस ने खून से सने कपड़े भी बरामद कर लिए हैं. उमेश पाल हत्याकांड के बाद से ही अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन फरार चल रही है. पुलिस तमाम कोशिशों के बाद भी उसका पता नहीं लगा सकी है. बताया जा रहा है कि शाइस्ता पुलिस से बचने के लिए पता बदल रही है, पहचान बदल रही है और भेष बदल रही है. सूत्रों के मुताबिक, अब शाइस्ता पर इनाम बढ़ाने की भी तैयारी हो रही है. शाइस्ता पर इनाम 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार किया गया था. अब उस इनाम को बढ़ाकर एक लाख करने की तैयारी चल रही है.
24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने उमेश की पत्नी की शिकायत पर अतीक, अशरफ, शाइस्ता, असद समेत 9 लोगों पर मामला दर्ज किया था. इस हत्याकांड में 7 शूटर शामिल थे. इनमें से अरबाज, विजय चौधरी, गुलाम और असद एनकाउंटर में ढेर हो गए. जबकि अतीक और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई. अभी बमबाज गुड्डू, शूटर साबिर और अरमान फरार हैं. इसके अलावा पुलिस ने शाइस्ता पर भी 50 हजार का इनाम घोषित किया है. अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन पर 4 क्रिमिनल केस दर्ज हैं. शाइस्ता पर शूटरों की मदद करने का भी आरोप है. गौरतलब है कि अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की 15 अप्रैल को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हमलावरों ने ये हमला उस समय किया था, जब पुलिस दोनों को मेडिकल चेकअप के लिए अस्पताल लेकर आई थी. उसी समय पत्रकार बनकर आए हमलावरों ने अतीक और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी थी. हमलावरों के नाम अरुण मौर्य, सनी पुराने और लवलेश तिवारी हैं. तीनों फिलहाल पुलिस की हिरासत में हैं. तीनों ने पुलिस की मौजूदगी में मीडिया के सामने अतीक और अशरफ को गोली मारी थी.