अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चंचल मिश्रा ने प्रेस वार्ता में बताया की अपहरण की यह साजिश जेल में रची गई। अपहरणकर्ताओं को करोड़ो की राशि लेकर अन्यत्र शिफ्ट होना था। मिश्रा ने आगे बताया की अपर्हृत कारोबारी ललित पुत्र रमेश कृपलानी आईटीसी कम्पनी का स्थानीय एजेंट है। इनका कार्यालय शास्त्रीनगर में है । ललित, शनिवार दोपहर सवा दो बजे खाना खाने बुलेट बाइक से सोनी हॉस्पिटल के निकट आवास के लिए रवाना हुए थे। इसी क्षेत्र में पीछे से एक आई-20 कार ने ललित को टक्कर मारी और हथियार के दम पर अपहरणकर्ता उन्हें कार में बैठाकर कोटा रोड की ओर ले गये। अपहरणकर्ता नकाबपोश थे और घटना के बाद 4.14 मिनट पर ललित ने पिता को फोन कर अपने अपहरण की जानकारी दी। ललित ने पिता को बताया कि उसकी आंखों पर पट्टी बांध रखी है । सिर पर गन लगा रखी है। अपहरणकर्ता मारपीट कर रहे हैं। किडनेपर ने ललित के फोन से उनके पिता को बोला कि आपके बेटे को जिंदा देखना है तो आधे घंटे में 5 करोड़ की व्यवस्था करो। नहीं तो पहले 4 के 3 रहे हैं। अब 2 ही रह जाएंगे । किसी को बोलना नहीं पुलिस को सूचना दी या कोई चालाकी की तो ललित को जान से मार देंगे।
ललित के पिता रमेश कृपलानी ने फोन आने के बाद अपहरण की सूचना कोतवाली पुलिस को दी। इस पर शहर कोतवाली पुलिस के साथ ही अन्य थानों की पुलिस अपहरणकर्ताओं के पीछे लग गई और भीलवाड़ा सहित अजमेर रेंज के सभी जिलों में नाकेबंदी करा दी गई। इस बीच कोदूकोटा में 3 अपहरणकर्ताओं को कोटड़ी पुलिस ने घेर कर पकड़ लिया। दो भाग निकले। इससे पहले अपहरणकर्ताओं ने पुलिस की नाकाबंदी भी तोड़ दी। पुलिस ने कारोबारी ललित को मुक्त करा लिया।
पुलिस अधीक्षक आदर्श सिद्धू, एसपी चंचल मिश्रा सहित अन्य अधिकारियों के साथ ही कोतवाली पुलिस ने इन आरोपों से गहनता से पूछताछ की। पूछताछ में पकड़े गये आरोपियों ने खुद को ओडो का खेड़ा निवासी सन्नी उर्फ संदीप पुत्र हजारी ओड व दो अन्य ने विजय सिंह पथिक नगर निवासी सत्तू पुत्र भैरू माली व सांगानेर निवासी विनय प्रताप पुत्र मनोहर सिंह नाथावत बताया। पुलिस ने तीनों को बापर्दा गिरफ्तार कर इनकी सूचना पर फरार दो अन्य आरोपियों को भी नामजद कर लिया। प्रेस वार्ता में सीओ सिटी नरेंद्र दायमा, कोतवाल मुकेश वर्मा आदि मौजूद थे।