ब्लेजर ढूंढो अभियान में जुटी पुलिस, जाने- क्या है पूरा मामला
एक आदेश को लेकर फिर चर्चा में है.
वाराणसी. उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi) में आए दिन महिलाओं के साथ हो रही चेन स्नेचिंग की वारदात को लेकर सवालों के घेरे में खड़ी वाराणसी की पुलिस अपने एक आदेश को लेकर फिर चर्चा में है. दरअसल, ये आदेश ब्लेजर कोट को वापस करने के संबंध में है. जी हां, आप सोच रहे होंगे कि ये ब्लेजर का खाकी वाली पुलिस से क्या संबंध है. दरअसल, इसका जुड़ाव ढाई साल पहले से है. साल 2019 में 21 से 23 जनवरी तक धर्मनगरी वाराणसी में देश का प्रवासी भारतीय सम्मेलन आयोजित हुआ था. इसमें शामिल होने के लिए दुनियाभर के प्रवासी भारतीय काशी आए थे.
कार्यक्रम में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए थे. इस कार्यक्रम के जरिए देश दुनिया में वाराणसी खासकर यूपी पुलिस की छवि बेहतरीन या यूं कहें स्मार्ट कॉप्स दिखाने के लिए उन्हें सूट बूट टाई में तैनात किया गया था. ऐसे करीब तीन सौ पुलिसकर्मी थे, जिन्हें ब्लेजर या कोट देकर ड्यूटी में तैनात किया गया था. कार्यक्रम शानदार हुआ और इसके लिए अफसरों को शाबासी भी मिली.
वाराणसी के इस कार्यक्रम के बाद अब ढाई साल बाद वीआईपी और वीवीआईपी ड्यूटी के लिए स्मार्ट पुलिसिंग दिखाने की जरूरत महसूस हुई तो अफसरों को ब्लेजर की अचानक याद आ गई. इसके लिए अपर पुलिस उपायुक्त आदित्य लांग्हे की ओर से प्रतिसार निरीक्षक को आदेश दिया गया है कि सभी ऐसे पुलिसकर्मियों से ब्लेजर वापस लेकर पुलिस लाइन में जमा कराए जाएं. इस काम को पूरा करने के लिए वक्त मिला है तीन दिन का. अब इस सूची में शामिल कई पुलिसकर्मियों के आगे दिक्कत ये है कि इतना वक्त बीत गया कि उन्हें याद भी नहीं है कि वो ब्लेजर कहां गए या कहां रखे हुए हैं. फरमान जारी होने के बाद अब पुलिसकर्मियों के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है. फिलहाल एक ओर लिस्ट में शामिल जिन पुलिसकर्मियों को आरआई का आदेश मिल गया है, वो ब्लेजर ढूंढो अभियान में जुट गए हैं. तो वहीं दूसरी ओर परेशान पुलिसकर्मी इस दिक्कत की चर्चा साथियों के बीच भी कर रहे हैं क्योंकि ब्लेजर खोजने के लिए वक्त काफी कम मिला है.