नवादा। जिले में रजौली थाना क्षेत्र के परतोनिया गांव के जंगल में लगभग पांच एकड़ में लगी पांच करोड़ रुपये मूल्य की अफीम की फसल को नवादा के रजौली थाना प्रभारी दरबारी चौधरी के नेतृत्व में नष्ट कर दिया गया है। नक्सलियों का गढ़ माने जाने वाले इस जंगली इलाके में प्रतिवर्ष कई एकड़ में नक्सलियों द्वारा अफीम की खेती की जाती है। जिसकी आपूर्ति विदेशों तक कर करोड़ों रुपये मूल्य का हथियार तथा लड़ाके सामानों की खरीदारी में नक्सली इस राशि का उपयोग करते हैं। सूचना मिलते ही रजौली के एसडीपीओ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी विक्रम सिहाग के निर्देश पर रजौली के थाना अध्यक्ष दरबारी चौधरी ने दल बल के साथ पहुंचकर कई एकड़ में लगाए गए अफीम की फसल को नष्ट किया। कुछ फसलों को नमूने के तौर पर न्यायालय में साक्ष्य प्रस्तुत करने थाने पर लाया भी गया।
चार ट्रैक्टरों के साथ पहुंचे पुलिस व अर्धसैनिक बल के जवानों ने उग्रवाद प्रभावित इलाके का घेरा डाल अफीम की फसल को नष्ट करना शुरू कर दिया ।इस फसल के नष्ट होने से एक तरह माना जाए तो आर्थिक मामले में नक्सलियों की कमर तोड़ी गई ।जो करोड़ों रुपए राशि की अफीम बेचकर समाज द्रोही कार्य के लिए बड़े पैमाने पर हथियार व अन्य सामानों की खरीदारी करते ।उसे रोकने का एक प्रयास भी किया गया। पुलिस के द्वारा नष्ट किया गया। यह पहला मौका है जब एसपी या डीएसपी रैंक के किसी अधिकारी अफीम नष्ट की कार्रवाई में शामिल नहीं है।इसके पहले जब भी इस कदर की कार्यवाही जंगल में किए गए तो यहां तक कि एसपी तक खुद ही मौजूद रहकर नक्सलियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई किया करते थे। एसपी खुद नक्सली इलाकों के चक्कर लगाए करते थे पूर्व एसपी विनोद कुमार ने तो स्वयं ऑपरेशन कर 6 नक्सलियों को मौत के घाट उतार दिए थे। इस बार थाना अध्यक्ष दरबारी चौधरी व भारी संख्या में पुलिस बल के जवानों ने यह कार्रवाई की। खेत में लगी फसल लगभग तैयार हो चुकी थी। इसमें चिरा लगाकर अफीम निकाला जाता और बाजार में ऊंची कीमत पर बेची जाती। लेकिन इससे पहले ही पुलिस प्रशासन ने फसल को नष्ट कर दिया।