पुलिस ने ऑनलाइन फ्रॉड रैकेट का भंडाफोड़ किया, दो आरोपियों समेत तीन पकड़े गिरफ्तार
सिटी क्राइम न्यूज़ अपडेटेड: मैडम हम बैंक से बोल रहे हैं। आपके खाते के केवाईसी को अपडेट करना है। नहीं तो खत्म हो जाएगा। जिसके बाद आपको पैसों का लेनदेन करने में काफी परेशानी आ सकती है। अगर ऐसे मैसेज या फोन अंजान नंबर से आते हैं तो इनपर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दें। इससे जुड़ी शंकाओं को खत्म करने के लिये केवल और सिर्फ केवल बैंक अधिकारियों से संपर्क करें। नहीं हो सकता है कि आप इनके चक्कर में आकर अपने खाते को खाली करवा सकते हैं। रोहिणी साइबर थाना पुलिस ने जामताड़ा झारखंड के एक मॉडयूलस का पर्दाफाश किया है। मॉडयूलस के दो आरोपियों समेत तीन को पकड़ा है। दो आरोपियों की पहचान चौहान बस्ती, गोधर, दुर्गा मंदिर के पास, कुसुंडा, धनबाद, झारखंड के रहने वाले दीपक कुमार और विशाल कुमार के रूप में हुई है। आरोपियों के कब्जे से पांच डेबिट कार्ड, 12 बैंक पास बुक, एक बायोमेट्रिक स्कैनर डिवाइस, तीन मोबाइल फोन, सात सिम कार्ड और पांच पैन कार्ड- यूआईडी कार्ड आदी सामान बरामद किये हैं। पुलिस उनके बाकी नेटवर्क के बारे में जानकारी लेकर उनको भी पकडऩे की कोशिश कर रही है।
जिला पुलिस उपायुक्त प्रणव तयाल ने बताया कि बीते 14 फरवरी को साइबर थाना पुलिस को धोखाधड़ी की ऑनलाईन शिकायत मिली थी। शिकायतकर्ता रीमा सिंघल ने आरोप लगाया था कि उन्हें अपने एसबीआई बैंक खाते के केवाईसी को अपडेट करने के लिए एक मैसेज आया था। मैसेज में ही कस्टमर केयर नंबर भी लिखा हुआ था। यह मैसेज उसके पास कई बार आया था। जिसके बाद उसने कस्टमर केयर पर फोन पर मामले की जानकारी ली। जिसमें पता चला कि उसके खाते से दस लाख रुपये किसी ने निकाल लिये हैं। पुलिस ने मामला दर्ज किया। एसीपी ब्रह्मजीत सिंह की देखरेख में एसएचओ अजय दलाल के निर्देशन में एसआई प्रवीण नरवाल, हेड कांस्टेबल सुशील कुमार, अमन, कांस्टेबल जनक गिल और नितेश को आरोपियों को पकडऩे का जिम्मा सौंपा गया। पुलिस टीम ने मैसेज नंबर और जिन खातों में रुपये आरोपियों डाले थे। उनके खातों के बारे में बैंक अधिकारियों से पता किया। जांच में मॉडयूलस झारखंड जामताड़ा का सामने आया।
खाते के बारे में पता चला कि निकाली गए रुपये तीन विभिन्न बैंक खातों में डाले गए थे। जिसमें चार लाख 90 हजार, तीन लाख दस हजार और दो लाख रुपये थे। इन बैंकों से बाकी बैंकों में छोटी छोटी रकम को ट्रांस्फर भी किया गया। जांच में पाया गया कि सभी धोखाधड़ी के पैसे धनबाद के कई इलाकोंं यानी निरसा, गोविंदपुर, सरायढेला आदि से एटीएम के माध्यम से वापस ले लिए गए। एक रकम जांच के दौरान 45 हजार रुपये कोटक महिंद्रा बैंक खाते में शास्त्री नगर शाखा, धनबाद, झारखंड में भी भेजी गई थी। जो खाता चौहान बस्ती, गोधर, कुसुंडा, धनबाद के रहने वाले एक राजेश नोनिया के नाम पर था। यह भी पता चला कि उसका बेटा पिता की मिलीभगत व निर्देश से उस खाते को चला रहा था। यह भी पता चला कि आरोपी लोगों को कॉल करने और लेन-देन के लिए कई सिम का इस्तेमाल कर रहे थे। पुलिस ने जामताड़ा के इलाके में रहने वाले एक नाबालिग को मोरे, धनबाद से पकड़ा। उसकी निशानदेही पर दीपक और विशाल को गिरफ्तार किया। अपने खुलासे में आरोपी दीपक कुमार चौहान ने बताया कि वह ठगी की रकम के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराता था। आगे वह अपने सहयोगियों के साथ विभिन्न एटीएम से ठगी की राशि में से अपना हिस्सा निकाल लेता था।
बाकी शेष ठगी के रुपये उनके सरगना को सौंप दी जाती है। आरोपियों के पास से पासबुक सहित कई बैंक खाते बरामद किए गए हैं। आरोपी दीपक और नौवीं तक पढ़ाई की है।