पुलिस ने नकली नोट गिरोह का किया भंडाफोड़, 4 आरोपी गिरफ्तार

बड़ी खबर

Update: 2023-10-07 14:24 GMT
नई दिल्ली(आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने चार करेंसी तस्करों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने शनिवार को बताया की आरोपियों के पास से 18.5 लाख रुपये के नकली भारतीय नोट और 46 लाख से अधिक की नेपाल की करेंसी बरामद की गई। आरोपियों की पहचान छवि राम (25), आसिब उर्फ आसिफ (37), इमरान (26) और दिनेश कुमार झा (25) के रूप में हुई है। पुलिस के मुताबिक, 28 सितंबर को एक पुलिसकर्मी ने आनंद विहार बस टर्मिनल के अंदर एक व्यक्ति को बैग लेकर संदिग्ध रूप से घूमते देखा। उसके बैग की जांच की गई तो उसके अंदर 1,22,000 रुपये (100 रुपये के 466 नोट और 200 के 377 नोट) भारतीय नकली नोट (एफआईसीएन) पाए गए। व्यक्ति की पहचान छवि राम के रूप में हुई।
पुलिस उपायुक्त (पूर्व) अमृता गुगुलोथ ने कहा, ''चूंकि बड़ी मात्रा में नकली नोट जब्त किए गए थे और इसके तार अन्य राज्यों से जुड़े हुए पाए गए थे। इसलिए मामले ने नकली नोटों की तस्करी में लगे एक महत्वपूर्ण सिंडिकेट की संलिप्तता का संकेत दिया।'' जांच के दौरान, इस सिंडिकेट के कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स का विश्लेषण किया गया। जिससे पता चला कि दिनेश नाम का एक व्यक्ति इस गिरोह के मास्टरमाइंड के रूप में काम करता है। डीसीपी ने आगे कहा कि उसने नेपाल स्थित नंबरों के साथ लगातार संपर्क बनाए रखा और पाया गया कि वह अपने गिरोह के सदस्यों के साथ समन्वय करने के लिए तीन मोबाइल फोन में पांच सिम कार्ड का उपयोग कर रहा था।
छवि राम की गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने भारतीय नकली नोटों के दो अतिरिक्त आपूर्तिकर्ताओं, आसिब और इमरान को उत्तर प्रदेश के बदांयू में पकड़ा। उनके छिपने के स्थानों से 45,000 और 42,000 रुपये के नकली नोट बरामद किए गए। इसी बीच मास्टरमाइंड दिनेश ने अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया। डीसीपी ने कहा कि छवि राम के खुलासे के आधार पर स्पष्ट था कि दिनेश के पास काफी मात्रा में नकली नोट थे। नतीजतन, जांच टीम ने बिहार के मुजफ्फरपुर में दिनेश के ठिकाने पर छापेमारी की। पुलिस से बचने की कोशिश में दिनेश बार-बार अपना ठिकाना बदलता रहा।
हालांकि, पुलिस टीम ने गोपनीय जानकारी के आधार पर 4 अक्टूबर को दिनेश को उसके आवास से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस टीम ने जब उसके घर की तलाशी ली तो उन्हें भारी मात्रा में नकली भारतीय नोट, नेपाली नोट, एक रंगीन प्रिंटर/स्कैनर और नकली नोटों के उत्पादन में उपयोग की जाने वाली अन्य सामग्री मिली, जिसे जब्त कर लिया गया। पूछताछ के दौरान दिनेश ने खुलासा किया कि शुरुआत में उसने नेपाल में अपने सहयोगियों से 10 प्रतिशत कमीशन प्राप्त करके नकली भारतीय मुद्रा खरीदी, और बाद में गिरोह के सदस्यों के माध्यम से उत्तर भारत में तस्करी की।
डीसीपी ने आगे कहा कि बाद में उसने उच्च गुणवत्ता वाले प्रिंटर और कागज का उपयोग करके अपने आवास पर नकली भारतीय और नेपाल के नोट बनाना शुरू कर दिया। जाली नोटों के वितरण को सुविधाजनक बनाने के लिए, उसने एक गिरोह बनाया जिसमें छवि राम, आसिब, इमरान और इस्लाम शामिल थे। डीसीपी ने कहा, "स्थानीय लोगों से पूछताछ करने से यह भी पता चला है कि दिनेश के पहले भी नक्सलियों से संबंध थे। उसके खिलाफ मुजफ्फरपुर के सकरा पुलिस स्टेशन में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया था।"
Tags:    

Similar News

-->