5 ईरानी नागरिक को पुलिस ने दबोचा, सीबीआई के 5 फर्जी पहचान पत्र भी बरामद

इन पर कोतवाली इलाके में हत्या की कोशिश का भी एक मामला दर्ज है.

Update: 2021-08-08 10:40 GMT

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की की मध्य जिला पुलिस ने ऐसे 5 ईरानी नागरिकों को गिरफ्तार किया है जो सीबीआई अफसर बनकर लगातार वारदात को अंजाम दे रहे थे. इनके पास से पुलिस ने सीबीआई के 5 फ़र्ज़ी पहचान पत्र भी बरामद किए हैं.

पुलिस के मुताबिक आरोपियों में मोहम्मद साबिर हुसैन, इमरान हुसैन, इमरान अली, शौकत अली जाफरी, मुख्तियार हुसैन शामिल हैं. सभी आरोपी फिलहाल भोपाल में रह रहे थे. करोलबाग में इन लोगों ने 4 वारदात की हैं. इन पर कोतवाली इलाके में हत्या की कोशिश का भी एक मामला दर्ज है. इन पर पश्चिम बंगाल और यूपी में भी धोखाधड़ी के केस दर्ज हैं.
पुलिस के मुताबिक इसी साल 27 जून को बैंक स्ट्रीट, करोल बाग में सीबीआई अधिकारी बनकर कुछ लोगों द्वारा 300 ग्राम सोने के गहने छीनने को लेकर एक पीसीआर कॉल मिली थी. पूछताछ करने पर पता चला कि 4-5 लोग एक ज्वैलर के कर्मचारी के पास खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर फ़िल्म स्पेशल 26 की तर्ज पर उसके पास पहुंचे और उसके बैग की जांच के बहाने उसकी कुल 300 ग्राम सोने की चेन ले ली थी.
पुलिस ने केस दर्ज कर करोलबाग में आसपास के 1 किलोमीटर इलाके के सीसीटीवी फुटेज को चेक किया, जिसमें सभी 5 संदिग्ध दिखे. इन सभी की मजबूत कद काठी को देखते हुए शक हुआ कि ये लोग ईरानी गैंग से जुड़े हो सकते हैं. इनके क्राइम डोजियर से इनकी पहचान हो गयी. पता चला कि सभी आरोपी भोपाल से वारदात करने दिल्ली आए थे. इसी बीच एक अगस्त को जानाकरी मिली कि ये लोग ट्रेन से वारदात करने के लिए प्रयागराज जा रहे हैं. इन सभी 5 आरोपियों को झांसी से गिरफ्तार कर लिया गया जबकि छठा आरोपी मजलूम अली चोरी और धोखाधड़ी की संपत्ति का रिसीवर है और अभी भी फरार है.
सभी आरोपी ईरानी मूल के हैं. कई दशक पहले उनके पूर्वज भारत आए थे. वर्तमान में सभी आरोपी रेलवे स्टेशन के पास ईरानी मोहल्ले में रहते हैं. शुरुआत में ये लोग जेबतराशी करते थे लेकिन बाद में इन्होंने ईरानी गैंग बना लिया. इन्होंने अपराध करने के लिए एक अनूठा तरीका अपनाया. पहले वे किसी भी राज्य में प्रसिद्ध आभूषण बाजार की पहचान करते हैं, ज्वैलर्स के स्टाफ और सोना सप्लाई करने वाले के बारे में जानकारी जुटाते हैं और फिर वे सीबीआई या पुलिस अधिकारी बनकर अवैध विदेशी करेंसी, हथियार, नशीले पदार्थ रखने के नाम पर पीड़ित से उनकी तलाशी के लिए कहते हैं.
अपने गिरोह में वे पुलिसकर्मियों की तरह दिखने के लिए लंबे और मजबूत कद काठी के लोगों को रखते थे. इसके लिए सभी आरोपी जिम जाते थे और अच्छा प्रोटीन लेते थे. वो अलग अलग राज्यों का दौरा कर अपना टारगेट फिक्स करते थे. ये लोग 25 से ज्यादा वारदात को अंजाम दे चुके हैं और 10 मामलों में कोर्ट इन्हें भगोड़ा घोषित कर चुका है.

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