सूरत महानगर पालिका चुनाव में पहली बार चुनाव जीत कर आए आम आदमी पार्टी के 27 पार्षदों को सूरत पुलिस ने गिरफ्तार किया है. साथ ही, 'आप' की ओर से शिक्षा समिति का चुनाव लड़े दो और लोगों को पुलिस ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी को लेकर आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने सत्ता पक्ष भाजपा पर आरोप लगाए हैं.
शहर के मुगलीसरा इलाके में स्थित सूरत महानगर पालिका के मुख्य दफ्तर के बाहर और भीतर सोमवार की सुबह से मनपा के सुरक्षाकर्मियों और सूरत पुलिस ने किलेबंदी कर दी थी. जैसे ही धीरे-धीरे आम आदमी के पार्षद और मनपा में विपक्ष के नेता धर्मेश भंडेरी यहां पहुंचे, वैसे ही उनकी गिरफ्तारी की जाने लगी, जिसका विरोध भी आप के पार्षदों ने किया लेकिन सुरक्षा कर्मियों के सामने उनकी एक ना चली.
भाजपा पर गंभीर आरोप
एक-एक कर के पुलिस ने सभी 27 पार्षदों और दो अन्य शिक्षा समिति का चुनाव लड़ने वाले सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया. गुजरात आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता योगेश जाधवाणी और शिक्षक समिति का चुनाव जीते रमेश हीरपरा ने सत्ता पक्ष भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं .
उन्होंने कहा, ''जिस प्रकार थोड़े दिन पहले सूरत महानगर पालिका में शिक्षण समिति का चुनाव हुआ था और इस चुनाव में जिस तरह से मेयर द्वारा और भाजपा द्वारा घोटाला करके जीत हासिल की गई थी तो उस घोटाले को छिपाने के लिए बहुत दिन बाद जब सामान्य सभा हो रही है तब इसका जवाब न मांगा जाए, इसलिए पहले तो मेयर ने और सत्ता पक्ष भाजपा ने फर्जी पुलिस केस करवाए और आज जब एफआईआर के चार दिन बाद सामान्य सभा हो रही है तब उनकी गिरफ्तारी करवाई है, ताकि विरोध पक्ष सामान्य सभा में उपस्थित ना रह सके.''
बता दें कि गत 25 जून 2021 को सूरत महानगर पालिका की शिक्षण समिति के 8 सदस्यों के लिए चुनाव हुआ था, जिसमें 9 भाजपा की तरफ से सदस्य चुनावी मैदान में उतरे थे, जबकि आप की तरफ से 2 सदस्य चुनावी मैदान में थे. सूरत मनपा में पार्षदों के संख्या बल के हिसाब से भाजपा के 6 सदस्य जीतने वाले थे जबकि आप के 2 सदस्य जीतने वाले थे लेकिन नतीजों में आप का एक ही सदस्य जीता था. वहीं, भाजपा के 7 सदस्य जीते थे. इसको लेकर सूरत मनपा के सभाखंड में हंगामा हुआ था और तोड़फोड़ हुई जिसको लेकर सूरत के लालगेट पुलिस थाने में आप के सभी पार्षदों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज हुआ था.