नई दिल्ली: विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा को अभूतपूर्व और पथप्रदर्शक बताया। उन्होंने कहा कि तकनीकी सहयोग भारत और अमेरिका के बीच चर्चा के प्रमुख बिंदुओं में से एक था। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री की अमेरिका की यात्रा के सबसे महत्वपूर्ण परिणामों में से एक बताया। उन्होंने गुरुवार शाम (अमेरिकी समयानुसार) मीडिया ब्रीफिंग के दौरान संवाददाताओं से कहा, रक्षा से लेकर अंतरिक्ष और ऊर्जा तक सभी क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी, विशेष रूप से उन्नत तकनीक सबसे महत्वपूर्ण परिणामों में से एक है।
उन्होंनेबताया कि मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच द्विपक्षीय चर्चा के दौरान पारिस्थितिकी तंत्र में तकनीकी सहयोग पर प्रमुखता से चर्चा की गई। विदेश सचिव ने बताया,इसमें प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, सेवाएं और अन्य क्षेत्रों में अनुसंधान में एक साथ काम करना शामिल है।
क्वात्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान असाधारण गर्मजोशी और आतिथ्य की भावना दिखी, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति और प्रथम महिला जिल बाइडेन ने उन्हें प्रदान किया। विदेश सचिव ने कहा कि यह यात्रा बेहद सफल और समृद्ध रही है। उन्होंने यात्रा को पथ-प्रदर्शक बताया। भारत और अमेरिका ने सार्वजनिक-निजी संयुक्त कार्यबल भी लॉन्च किए, इनमें से एक खुले रेडियो एक्सेस नेटवर्क (आरएएन) के विकास और तैनाती पर है, जो मोबाइल नेटवर्क बनाने के लिए एक नया दृष्टिकोण है, जो स्मार्टफोन और उपकरणों को इंटरनेट और अन्य उपयोगकर्ताओं से जोड़ने के लिए आवश्यक है।
भारत का भारत 6जी और यूएस नेक्स्ट जी एलायंस इस सार्वजनिक-निजी शोध का सह-नेतृत्व करेंगे। क्वात्रा ने बताया कि क्रिटिकल एंड इमजिर्ंग टेक्नोलॉजी (आईसीईटी) पर यूएस-इंडिया इनिशिएटिव का समर्थन करने के लिए, यूएस-इंडिया कमर्शियल डायलॉग प्रत्येक देश के स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को जोड़ने के लिए एक नया इनोवेशन हैंडशेक लॉन्च करेगा। उन्होंने बताया कि भारत और अमेरिका दोनों इस बात पर सहमत हुए हैं कि अमेरिका भारत में अहमदाबाद और बेंगलुरु में दो नए वाणिज्य दूतावास खोलने की औपचारिकताएं शुरू करेगा।