चेन्नई: वन्नियार समुदाय की राजनीतिक शाखा पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का विरोध करते हुए विधि आयोग को एक विस्तृत याचिका भेजी है। दरअसल, वन्नियार समुदाय पर पीएमके की मजबूत पकड़ को देखते हुए बीजेपी ने 18 जुलाई को होने वाली एनडीए की मीटिंग के लिए उसे निमंत्रण भेजा है।
हालांकि, पीएमके के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री अंबुमणि रामदास ने भारत के विधि आयोग को एक पत्र भेजकर कहा है कि पीएमके सामाजिक न्याय को कायम रखने के लिए बनाई गई एक राजनीतिक पार्टी है। एक राजनीतिक दल के रूप में पीएमके यूसीसी को स्वीकार नहीं कर सकती क्योंकि यह आबादी के कुछ वर्गों के अधिकारों को छीन लेगा।
उन्होंने कहा है कि प्रत्येक धर्म में विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेने, संपत्ति के अधिकार और अन्य से संबंधित अलग-अलग नागरिक कोड हैं। पीएमके का रुख है कि सरकार को लोगों के नागरिक अधिकारों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि इसे लागू करने का इरादा क्या है। यूसीसी का उद्देश्य समान संहिता लाने के बजाय अल्पसंख्यकों के अधिकारों को छीनना है। रामदास ने कहा कि अल्पसंख्यकों के नागरिक कानूनों में कुछ मुद्दे थे और उन्होंने विधि आयोग से ऐसे मुद्दों के आधार पर सुझाव मांगने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट मुद्दों को सही करेगा। यूसीसी के कार्यान्वयन पर सुझाव मांगना अनावश्यक है क्योंकि इसकी कोई आवश्यकता नहीं है। पीएमके नेता ने विधि आयोग से यूसीसी को लागू करने के लिए उठाए गए कदमों को छोड़ने का आह्वान किया क्योंकि इससे देश की विविधता नष्ट हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि यूसीसी अल्पसंख्यक समुदायों के लिए परेशानी पैदा करने के अलावा देश के विकास को भी प्रभावित करेगा।