पीएम मोदी की सुरक्षा चूक: डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय, जिनके लिए सिद्धू ने चन्नी सरकार तक को झुका दिया, कस सकता है शिकंजा

Update: 2022-01-08 08:50 GMT

PM Modi Punjab Visit: प्रधानमंत्री की सुरक्षा चूक से जुड़े मामले में नया मोड़ आ सकता है. उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा चूक मामले में डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय पर शिकंजा कस सकता है. लेकिन डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने ऐसी लापरवाही कैसे की? क्या उनके पीछे पॉलिटिकल मास्टर भी है?

सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी इस पूरे मामले में मासूम ही नजर आ रहे हैं. उन्होंने घटना वाले दिन ही माफ़ी भी मांग ली थी. लेकिन पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू जिन्होंने आईपीएस अधिकारी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को मुख्यमंत्री चन्नी से लड़कर डीजीपी बनवाया था, डीजीपी के बचाव में बेहद हमलावर हो उठे हैं. सरकार के सूत्रों के मुताबिक़ नवजोत सिंह सिद्धू ने ही सबसे पहले प्रधानमंत्री के खिलाफ बयान दिया था. सिद्धू ने कहा था, 'किसान साल भर तक प्रदर्शन करते रहे, आपको 15 मिनट इंतजार करना पड़ा तो परेशान हो गए.'
सरकार के सूत्रों का कहना है कि नवजोत सिंह सिद्धू को गांधी परिवार हमेशा शह देता रहा है, जिसके दम पर सिद्धू पहले पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनाए गए. फिर सिद्धू ने पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह को किनारे लगाया फिर अपनी पसंद के अधिकारी, बड़े ओहदों पर बैठाए. डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय उनमें से एक हैं और पंजाब में सभी जानते हैं कि डीजीपी चट्टोपाध्याय किसकी सुनते हैं. अब DGP सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय सबसे ज़्यादा सवालों के घेरे में हैं और उसकी कई वजह हैं:
पहली वजह: प्रोटोकॉल के तहत राज्य के डीजीपी और मुख्य सचिव को प्रधानमंत्री के काफिले के साथ रहना जरूरी है, लेकिन दोनों अधिकारी उस वक्त काफिले में नहीं थे.
दूसरी वजह: डीजीपी की ओर से रूट क्लियर होने का ग्रीन सिग्नल मिला था. उसके बाद ही प्रधानमंत्री सड़क के रास्ते रवाना हुए थे. लेकिन आगे सड़क को प्रदर्शनकारियों ने जाम कर रखा था.
तीसरी वजह: अगर प्रदर्शनकारियों ने रास्ता ब्लॉक कर दिया था तो उन्हें समय रहते हटाया क्यों नहीं गया? पीएम का काफिला फ्लाईओवर पर 20 मिनट तक फंसा था, इतनी देर में अतिरिक्त फोर्स क्यों नहीं बुलाई गई?
चौथी वजह: प्रधानमंत्री की यात्रा से पहले पूरा प्लान तैयार होता है. पीएम को सुरक्षित निकालने के लिए कंटीन्जेंसी प्लान भी तैयार किया जाता है. एक वैकल्पिक रास्ता भी तय होता है, लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं था.
सरकार के सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक को हल्के में नहीं लिया जा सकता है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने भी जांच अपने हाथ में लेने के संकेत दे दिए हैं. इस मामले को चाहे कितना भी राजनीतिक रंग कांग्रेस दे लेकिन जब इस साज़िश के तार खुलेंगे तो कई राजनीतिक चेहरे भी सामने आएंगे.

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