यूपी। दशाश्वमेद्य घाट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंच गए हैं. यहां लोगों का अभिनंदन स्वीकार किया. थोड़ी देर बाद गंगा आरती में शामिल होंगे.इससे पहले उन्होंने क्रूज की सवारी की. वह अस्सी घाट और संत रविदास घाट पहुंचे. यहां उन्होंने संत रविदास को नमन किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सफाईकर्मियों और कर्मचारियों के साथ लंच किया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कर्मचारियों को धन्यवाद दिया.
पीएम मोदी ने कहा कि काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण, भारत को एक निर्णायक दिशा देगा, एक उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएगा. ये परिसर, साक्षी है हमारे सामर्थ्य का, हमारे कर्तव्य का. अगर सोच लिया जाए, ठान लिया जाए, तो असंभव कुछ भी नहीं. हर भारतवासी की भुजाओं में वो बल है, जो अकल्पनीय को साकार कर देता है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब भी काशी ने करवल ली है देश का भाग्य बदला है. पीएम मोदी ने कहा कि हम तप जानते हैं, तपस्या जानते हैं, देश के लिए दिन रात खपना जानते हैं. चुनौती कितनी ही बड़ी क्यों ना हो, हम भारतीय मिलकर उसे परास्त कर सकते हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि बनारस वो नगर है जहां से जगद्गुरू शंकराचार्य को डोम राजा की पवित्रता से प्रेरणा मिली, उन्होंने देश को एकता के सूत्र में बांधने का संकल्प लिया. ये वो जगह है जहां भगवान शंकर की प्रेरणा से गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस जैसी अलौकिक रचना की. छत्रपति शिवाजी महाराज के चरण यहां पड़े थे. रानीलक्ष्मी बाई से लेकर चंद्रशेखर आज़ाद तक, कितने ही सेनानियों की कर्मभूमि-जन्मभूमि काशी रही है. भारतेन्दु हरिश्चंद्र, जयशंकर प्रसाद, मुंशी प्रेमचंद,पंडित रविशंकर, और बिस्मिल्लाह खान जैसी प्रतिभाएं इस स्मरण को कहां तक ले जाया जाए.
पीएम मोदी ने कहा कि काशी अहिंसा,तप की प्रतिमूर्ति चार जैन तीर्थंकरों की धरती है. राजा हरिश्चंद्र की सत्यनिष्ठा से लेकर वल्लभाचार्य,रमानन्द जी के ज्ञान तक चैतन्य महाप्रभु,समर्थगुरु रामदास से लेकर स्वामी विवेकानंद, मदनमोहन मालवीय तक कितने ही ऋषियों,आचार्यों का संबंध काशी की पवित्र धरती से रहा है.