PM मोदी आज देश के नाम करेंगे 'स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी', 216 फीट है ऊंचाई, जानें बड़ी बातें

Update: 2022-02-05 03:26 GMT

नई दिल्ली: संत रामानुजाचार्य (Saint Ramanujacharya) की 12 दिवसीय 1000वीं जयंती के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) आज हैदराबाद में 'स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी' (Statue Of Equality) प्रतिमा का अनावरण कर इसे राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इसके अलावा प्रधानमंत्री राज्य के पाटनचेरु में स्थित इंटरनेशनल कॉर्प्स रिसर्च इंस्टीट्यूच फॉर सेमी एरिड ट्रॉपिक्स (ICRISAT) कैंपस का दौरा कर संस्थान की 50वीं वर्षगांठ समारोह का शुभारंभ भी करेंगे. 216 फीट ऊंची स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी 11वीं शताब्दी के भक्ति संत श्री रामानुजाचार्य की याद में बनाई गई है, जिन्होंने आस्था, जाति समेत जीवन के सभी पहलुओं में समानता के विचार को बढ़ावा दिया. इस प्रतिमा की परिकल्पना श्री रामानुजाचार्य आश्रम के श्री चिन्ना जीयार स्वामी ने की है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा है कि कार्यक्रम के दौरान संत रामानुजाचार्य की जीवन यात्रा और शिक्षा पर थ्रीडी प्रेजेंटेशन मैपिंग का भी प्रदर्शन किया जाएगा. आइए आपको रामानुजाचार्य स्‍वामी की प्रतिमा की 10 बड़ी बातों को बताते हैं.

1- यह प्रतिमा 'पंचधातु' से बनी है जिसमें सोना, चांदी, तांबा, पीतल और जस्ता का एक संयोजन है और यह दुनिया में बैठी अवस्था में सबसे ऊंची धातु की प्रतिमाओं में से एक है.
2- जीयार एजुकेशन ट्रस्ट के अधिकारी सूर्यनारायण येलप्रगड़ा के अनुसार, 'स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी' बैठने की स्थिति में दुन‍िया की दूसरी सबसे ऊंची प्रतिमा है.
3- श्री चिन्ना जीयार स्वामी आश्रम के 40 एकड़ के विशाल परिसर में 216 फीट की 'स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी' प्रतिमा लगाई गई है.
4- 'स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी' को संत रामानुजाचार्य के जन्म के 1,000 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में बनाया गया है. परियोजना की कुल लागत लगभग ₹1,000 करोड़ है.
5- दूसरी मंजिल पर लगभग 300,000 वर्ग फुट क्षेत्र में रामानुजाचार्य का मंदिर है, जहां पूजा के लिए उनकी 120 किलो सोने की मूर्ति स्थापित की जाएगी.
6- 'स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी' का उद्घाटन, रामानुजाचार्य की वर्तमान में जारी 1000 वीं जयंती समारोह यानी 12 दिवसीय श्री रामानुज सहस्रब्दी समारोह का एक भाग है.
7- आश्रम के पदाधिकारियों ने कहा है कि वे इसे विश्वव्यापी अपील देने के लिए मूर्ति के पास दुनिया के सभी देशों के झंडे लगाएंगे. उनका कहना है कि यह धर्म, जाति और पंथ सहित जीवन के सभी पहलुओं में संत रामानुजाचार्य द्वारा प्रचारित समानता के विचार के अनुसार प्रस्‍ताव‍ित है.
8- 14,700 वर्ग फुट की ऊपरी मंजिल पर एक वैदिक डिजिटल पुस्तकालय और र‍िसर्च सेंटर भी है.
9- हवाई अड्डे और श्रीरामनगरम के आसपास के क्षेत्र में कुल 8,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है.
10- पीएमओ के मुताबिक यह 54-फीट ऊंचे आधार भवन पर स्थापित है, जिसका नाम 'भद्र वेदी' है. इसमें वैदिक डिजिटल पुस्तकालय और अनुसंधान केंद्र, प्राचीन भारतीय ग्रंथ, एक थिएटर, एक शैक्षिक दीर्घा हैं, जो संत रामानुजाचार्य के कई कार्यों का विवरण प्रस्तुत करते हैं.

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