पीएम मोदी आज अरुणाचल को देंगे सेला सुरंग की सौगात

Update: 2024-03-09 01:04 GMT

अरुणाचल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार को अरुणाचल प्रदेश में सेला सुरंग सहित कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे. सेला सुरंग चीन बॉर्डर के बहुत नजदीक है और भारत के लिए सुरक्षा के लिजाह से काफी महत्वपूर्ण है. ये सुरंग चीन की सीमा से लगे तवांग को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी. ये इतनी ऊंचाई पर बनाई गई दुनिया की सबसे लंबी दो लेन की सुरंग है. पीएम मोदी पश्चिम कामेंग जिले के बैसाखी में आयोजित एक कार्यक्रम में सुरंग को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इसके अलावा 20 विकास परियोजनाओं की भी आधारशिला भी पीएम रखेंगे.

दरअसल, 13,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित सेला सुरंग अरुणाचल प्रदेश के तवांग को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी. एलएसी के करीब होने के कारण सुरंग रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है. सेला पास के नजदीकर स्थित सुरंग की काफी जरूरत थी क्योंकि भारी वर्षा के कारण बर्फबारी और भूस्खलन होने पर बालीपारा-चारीद्वार-तवांग मार्ग साल में लंबे समय तक बंद रहता है. इस परियोजना में दो सुरंगें शामिल हैं. पहली 980 मीटर लंबी सुरंग, सिंगल ट्यूब टनल और दूसरी 1555 मीटर लंबीसुरंग, ट्विन ट्यूब टनल है. यह 13,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर बनाई गई सबसे लंबी सुरंगों में से एक होगी.

सेला सुरंग की अहमियत को इसी बात से समझा जा सकता है कि इस टनल के पूरा बनने के बाद तवांग के जरिए चीन सीमा तक की दूरी 10 किलोमीटर तक घट जाएगी. इसके अलावा असम के तेजपुर और अरुणाचल के तवांग में सेना के जो चार कोर मुख्यालय स्थित हैं, उनके बीच की दूरी भी करीब एक घंटे कम हो जाएगी. ये भी बताया जा रहा है कि इस सुरंग की वजह से बोमडिला और तवांग के बीच 171 किलोमीटर दूरी काफी सुलभ बन जाएगी और हर मौसम में कम समय में वहां जाया जा सकेगा. साथ ही यह सुरंग चीन-भारत सीमा के साथ आगे के क्षेत्रों में सैनिकों, हथियारों और मशीनरी की तेजी से तैनाती करके एलएसी पर भारतीय सेना की क्षमताओं को बढ़ाएगी.

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