दिल्ली। पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक अकसर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार पर निशाना साधते रहते हैं। उन्होंने एक बार फिर कृषि कानूनों को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा और कहा वह अपना इस्तीफा लेकर पीएम मोदी को समझाने गए थे लेकिन पांच मिनट में ही झगड़ा हो गया। उस वक्त वह घमंड में थे और किसानों से बात करने को तैयार नहीं थे। मलिक ने दावा किया कि पीएम मोदी को सिखों और जाटों से डरकर कानून वापस लेने पड़े थे और डर की वजह से ही वह गुरुद्वारे में जाने लगे हैं।
सत्यपाल मलिक राजस्थान के सीकर में सूतोद दांव में वीर तेजाजी महाराज की मूर्ति का शिलान्यास करने पहुंचे थे। सत्यपाल मलिक ने मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि इस वक्त भी देश में जबरदस्त लड़ाई चल रही है जो कि सबको दिख नहीं रही है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की जमीन और रोजगार पर मला कर चुकी है। सरकार किसानों के दाम देने को आज भी तैयार नहीं है।
सत्यपाल मलिक ने कहा कि किसान आंदोलन के समय वह अपना इस्तीफा जेब में रखकर प्रधानमंत्री मोदी से मिलने गए थे। पांच मिनट में ही उनकी बहस हो गई। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री घमंड में थे और उनका कहना था कि किसान कुछ ही समय में चले जाएँगे। हालांकि चार महीने का वक्त हो चुका था। मलिक ने कहा, मैंने प्रधानमंत्री को समझाया कि यह वह कौम है जिसके गुरु ने अपने चार साहबजादे बलिदान कर दिए। ये वही हैं जिन्होंने अकबर की कब्र खोदकर अंतिम संस्कार कर दिया। ऐसे लोगों से लड़ा नहीं जाता बल्कि बातचीत करके हल निकाला जाता है।
सत्यपाल मलिक ने दावा किया कि उन्होंने सिखों को लेकर प्रधानमंत्री को डरा दिया था। इसके बाद वह गुरुद्वारे भी जाने लगे। पूर्व राज्यपाल ने कहा कि ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद इंदिरा गांधी ने चार महीने तक महामृत्युंजय का जाप करवाया था। मलिक ने कहा कि इंदिरा के भतीजे अरुण नेहरू उनके दोस्त थे। उन्होंने कहा था कि आप तो इस पूजा-पाठ को मानती नहीं। इसपर इंदिरा गांधी ने जनरल डायर और वेयर का उदाहरण देकर कहा कि जिन्होंने इनके स्वर्ण मंदिर को छुआ ये उसे बिना मारे नहीं छोड़ते।
पूर्व राज्यपाल ने दावा किया कि प्रधानमंत्र मोदी सिखों के डर के मारे गुरुद्वारे में जाते हैं। इसमें कोई श्रद्धा का मामला नहीं है। उन्होंने कहा कि पंजाब में पीएम मोदी का काफिला रोक दिया गया। यह एक जुलूस था लेकिन आधे घंटे रुकने के बाद पीएम मोदी घबरा गए और एयरपोर्ट पर आकर कहने लगे कि बड़ी मुश्किल से जान बची। सत्यपाल मलिक ने कहा कि राजस्थान में भाजपा का कोई अस्तित्व नहीं रह गया है और विधानसभा चुनाव में दूर-दूर तक कहीं नहीं दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान से भाजपा पूरी तरह साफ हो जाएगी।