कल कोरोना योद्धाओं से सीधा संवाद करेंगे पीएम मोदी, DRDO अस्पताल की उपयोगिता पर होगी चर्चा
कोरोना संकट से उबर रहे वाराणसी के कोरोना योद्धाओं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को सीधा संवाद करेंगे। व
कोरोना संकट से उबर रहे वाराणसी के कोरोना योद्धाओं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को सीधा संवाद करेंगे। वर्चुअल संवाद में पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र के चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ से मरीजों को स्वस्थ करने का तरीका जानेंगे।
इसके अलावा प्रशासनिक अधिकारियों से भी कोरोना पर कसे लगाम की जानकारी लेंगे। उधर, प्रशासन एक अप्रैल से 20 मई तक के कोरोना से जारी जंग की पूरी कहानी का वीडियो भी पीएम के सामने प्रस्तुत करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दोपहर में वर्चुअल माध्यम से कोविड-19 के संक्रमण का हाल और तीसरी लहर से लड़ने की तैयारियों की जानकारी लेंगे।
इस दौरान बीएचयू, डीआरडीओ, दीनदयाल राजकीय जिला अस्पताल, ईएसआईसी सहित अन्य अस्पतालों के चिकित्सकों से जानकारी लेंगे। इसमें पीएम चिकित्सकों की भूमिका और संकट काल के उनके अनुभवों को साझा करेंगे। दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर की जबरदस्त चपेट में आए वाराणसी ने डेढ़ महीने में स्थिति को संभाल लिया है।
40 फीसदी तक पहुंचा संक्रमण दर अब पिछले तीन दिनों से तीन फीसदी पर पहुंच गया है। एक अप्रैल से संक्रमण दर बढ़ने का सिलसिला अब थमने लगा है। मगर, अप्रैल के दूसरे और तीसरे सप्ताह में कोरोना संक्रमण की दर 40 फीसदी से ज्यादा पहुंच गई थी। 18 अप्रैल को पीएम नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के प्रशासनिक अधिकारियों से सीधा संवाद कर उन्हें ट्रैक, ट्रेस और ट्रीट का मंत्र दिया था।
उस समय अस्पतालों में बेड से लेकर आक्सीजन तक की दिक्कत हो गई थी। मगर, पीएम के संवाद के बाद पीएमओ सक्रिय हुआ और आक्सीजन आदि की व्यवस्था सुदृढ़ हुई। इसके साथ ही प्रशासन की सजगता की वजह से संक्रमण की रफ्तार भी थमने लगी।
डीआरडीओ अस्पताल की उपयोगिता पर करेंगे बात
पद्मभूषण पं. राजन मिश्र को समर्पित डीआरडीओ के अस्पताल के बनने से बनारस को मिली राहत पर भी पीएम मोदी चर्चा करेंगे। दरअसल, वाराणसी में सरकारी और निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिए 19 सौ बेड की व्यवस्था है। जबकि अकेले डीआरडीओ के अस्पताल में 750 मरीजों के भर्ती होने की व्यवस्था की गई है।
पीएम मोदी कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए काशीवासियों के योगदान पर भी चर्चा कर सकते हैं। कारण, कोरोना के पीक टाइम पर काशी के व्यापारियों ने स्वत: लॉकडाउन की अपील कर बहुत बड़ा योगदान किया। इसके साथ ही संसाधनों को जुटाने में काशीवासियों के सहयोग की चर्चा देश भर में हो रही है।