जयपुर में BJP का मंथन: PM मोदी बोले- देश बड़े लक्ष्यों की ओर बढ़ रहा है, दुनिया आज भारत को बहुत उम्मीदों से देख रही

Update: 2022-05-20 05:16 GMT

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की एक बैठक को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जनसंघ से लेकर हमारी जो यात्रा शुरू हुई और बीजेपी के रूप में फली-फूली पार्टी के इस स्वरूप को, उसके विस्तार को देखते हैं, तो गर्व तो होता ही है, लेकिन इसके निर्माण में खुद को खपाने वाली पार्टी की सभी विभूतियों को मैं आज नमन करता हूं. आज ये वर्ष श्रद्धेय सुंदर सिंह भंडारी जी की जन्म शताब्दी का भी वर्ष है. हम सब ऐसे प्रेरणा पुरुष को हृदय से प्रणाम करते हैं.

उन्होंने कहा कि दुनिया आज भारत को बहुत उम्मीदों से देख रही है. ठीक वैसे ही भारत में बीजेपी के प्रति, जनता का एक विशेष स्नेह है. देश की जनता बीजेपी को बहुत विश्वास से, बहुत उम्मीद से देख रही है. देश की जनता की ये आशा-आकांक्षा हमारा दायित्व बहुत बढ़ा देती है. आजादी के इस अमृत काम में देश अपने लिए अगले 25 वर्षों के लक्ष्य तय कर रहा है. बीजेपी के लिए ये समय है, अगले 25 वर्षों के लक्ष्यों को तय करने का, उनके लिए निरंतर काम करने का.
पीएम मोदी ने कहा कि हमारा दर्शन है पंडित दीनदयाल उपाध्याय का एकात्म मानववाद और अंत्योदय. हमारा चिंतन है डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की सांस्कृतिक राष्ट्रनीति. हमारा मंत्र है सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास'. हमारे देश में एक लंबा कालखंड ऐसा रहा जब लोगों की सोच ऐसी हो गई थी कि बस किसी तरह समय निकल जाए. न सरकार से उनको अपेक्षा थी और न ही सरकार उनके प्रति अपनी कोई जवाबदेही समझती थी. 2014 के बाद बीजेपी देश को इस सोच से बाहर निकालकर लाई है.
पीएम मोदी ने कहा, 'इस महीने केंद्र की भाजपा सरकार के, एनडीए सरकार के 8 वर्ष पूरे हो रहे हैं. ये 8 वर्ष संकल्प के रहे हैं, सिद्धियों के रहे हैं. ये 8 वर्ष सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण को समर्पित रहे हैं. ये 8 वर्ष देश के छोटे किसानों, श्रमिकों, मध्यम वर्ग की अपेक्षाओं को पूरा करने वाले रहे हैं. ये 8 वर्ष देश के संतुलित विकास, सामाजिक न्याय और सामाजिक सुरक्षा के लिए रहे हैं. ये 8 वर्ष देश की माताओं-बहनों-बेटियों के सशक्तिकरण, उनकी गरिमा बढ़ाने के प्रयासों के नाम रहे हैं. मैं सैचुरेशन की बात करता हूं. सैचुरेशन सिर्फ पूर्णता का आकंड़ा भर नहीं है. ये भेदभाव, भाई-भतीजावाद, तुष्टिकरण, भ्रष्टाचार के चंगुल से देश को बाहर निकालने का माध्यम है.'

Tags:    

Similar News

-->