यास चक्रवात को लेकर पीएम मोदी ने की समीक्षा बैठक, ओडिशा सरकार ने तत्काल राहत के बदले मांगा लॉन्ग टर्म समाधान

यास चक्रवात को लेकर पीएम मोदी ने की समीक्षा बैठक

Update: 2021-05-28 10:08 GMT

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भुवनेश्वर में चक्रवात 'यास' से ओडिशा के अलग-अलग इलाकों में हुए नुकसान की समीक्षा की. इस समीक्षा बैठक में ओडिशा सरकार ने बार-बार आने वाली चक्रवात की समस्या से निजात के लिए दीर्घकालिक समाधानों और आपदा अनुकूल शक्ति तंत्र के प्रावधानों पर जोर दिया. इस बैठक के बाद ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त (SRC) पीके जेना ने पत्रकारों से कहा कि राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन में हुए खर्च के लिए कोई तत्काल राहत कोष की मांग नहीं की, बल्कि दीर्घकालिक समाधानों पर जोर दिया क्योंकि ओडिशा को आए दिन चक्रवातीय तूफानों का सामना करना पड़ता है.

पीके जेना ने बताया कि बैठक के दौरान मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक आपदा अनुकूल शक्ति संसाधन और चक्रवातों से तटीय क्षेत्रों को बचाने के लिए स्थायी समाधान की मांग की. उन्होंने कहा कि राज्य में 480 किलोमीटर लंबा तटीय क्षेत्र है, जिसमें 200 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र ज्वार की दृष्टि से संवेदनशील हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने तत्काल किसी आर्थिक सहायता की मांग नहीं की है और वह अपने संसाधनों से व्यवस्था कर लेगा. उन्होंने कहा कि चक्रवात से हुए नुकसान का अगले सात दिनों में आकलन किया जाएगा और उसके बाद केंद्रीय मदद की मांग की जाएगी.
शाम को राहत पैकेज की घोषणा करेंगे पीएम- प्रताप सारंगी
बैठक में प्रधानमंत्री और ओडिशा के मुख्यमंत्री के अलावा राज्यपाल गणेशी लाल, केंद्रीय मंत्रियों धर्मेंद्र प्रधान और प्रताप सारंगी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. इसके बाद प्रधानमंत्री बालासोर और भद्रक के प्रभावित इलाकों के हवाई सर्वेक्षण के लिए निकल गए. प्रधानमंत्री हवाई मार्ग से ही पश्चिम बंगाल निकल जाएंगे. इससे पहले, राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित केंद्रीय मंत्रियों ने बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया.
इस मौके पर मौजूद केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी ने कहा, "केंद्र सरकार ओडिशा के साथ खड़ी है. राज्य सरकार ने कोई तत्काल मदद की मांग नहीं की है लेकिन स्थायी समाधान पर जोर दिया है." उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फिलहाल हवाई सर्वेक्षण कर नुकसान का जायजा लेंगे और शाम को राहत पैकेज की घोषणा करेंगे.
ओडिशा में चक्रवात के कारण अब तक 4 लोगों की मौत
बैठक की शुरुआत में प्रधानमंत्री का राज्य में स्वागत किया गया और इसके बाद चक्रवात का सामना करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में एक वीडियो और डिजिटल प्रजेंटेशन के जरिए उन्हें जानकारी दी गई. जेना ने कहा कि मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि आपदा की इस घड़ी में केंद्र व राज्य की सरकार को कंधे से कंधा मिलाकर काम करना चाहिए. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने तटीय इलाकों में कटाव की समस्या का जिक्र किया और तूफान से आए दिन होने वाले नुकसानों की तरफ उनका ध्यान आकृष्ट कराया.
ओडिशा में चक्रवात यास से जुड़ी घटनाओं में अब तक 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि इसके कारण ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड में 21 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. चक्रवात के कारण ओडिशा में तीन लोगों और पश्चिम बंगाल में एक व्यक्ति की मौत हो गई.
पश्चिम बंगाल सरकार ने दावा किया है कि इस प्राकृतिक आपदा के कारण कम से कम एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं. 'ताउते' के बाद एक सप्ताह के भीतर देश के तटों से टकराने वाला 'यास' दूसरा चक्रवाती तूफान है. प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल के चक्रवात प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे और वहां भी एक समीक्षा बैठक करेंगे.
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