राम मनोहर लोह‍िया को पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि, शेयर क‍िया उनके प‍िता का पुराना पत्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने स्वतंत्रता सेनानी एवं समाजवादी चिंतक राम मनोहर लोहिया (Ram Manohar Lohia) को बुधवार को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी.

Update: 2022-03-23 09:51 GMT

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने स्वतंत्रता सेनानी एवं समाजवादी चिंतक राम मनोहर लोहिया (Ram Manohar Lohia) को बुधवार को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी. उन्‍होंने कहा कि लोहिया की सैद्धांतिक राजनीति तथा बौद्धिक कौशल के लिए उनका बेहद सम्मान किया जाता है. लोहिया का जन्म 1910 में आज ही के दिन हुआ था. लोहिया एक स्वतंत्रता सेनानी और गांधीवादी विचारों को मानने वाले थे. उन्होंने वंचित समुदायों के राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए भी काम किया और कांग्रेस के तत्कालीन आधिपत्य के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने का काम भी किया. उनका निधन 1967 में हुआ था.

पीएम मोदी ने लोहिया को श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया, 'डॉ. राम मनोहर लोहिया की जयंती पर उन्हें नमन. कई ऐतिहासिक घटनाओं में उनकी अग्रणी भूमिका रही और हमारे स्वतंत्रता संग्राम में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. सैद्धांतिक राजनीति और बौद्धिक कौशल के लिए उनका बेहद सम्मान किया जाता है.' प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर लोहिया से जुड़े कुछ पत्राचार भी साझा किए. उन्होंने लिखा, 'इतिहास के पन्नों की कुछ दिलचस्प बातें… डॉ. लोहिया का लॉर्ड लिनलिथगो को लिखा एक पत्र और डॉ. लोहिया के पिता तथा उनके बीच हुआ पत्राचार.'


शहीद भगत सिंह को भी श्रद्धांजल‍ि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को 'शहीद दिवस' के अवसर पर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि देश के लिए मर मिटने का उनका जज्बा देशवासियों को हमेशा प्रेरित करता रहेगा. मोदी ने ट्वीट में कहा, 'शहीद दिवस पर भारत माता के अमर सपूत वीर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को कोटि-कोटि नमन. मातृभूमि के लिए मर मिटने का उनका जज्बा देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा.
जय हिंद!'आज ही के द‍िन फांसी पर लटके थे भगत स‍िंह
शहीद दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री बुधवार शाम वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में विप्लवी भारत गैलरी का उद्घाटन करेंगे. कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री एक सभा को संबोधित भी करेंगे. गौरतलब है कि भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को लाहौर षड्यंत्र मामले में मौत की सजा सुनाए जाने के बाद आज ही के दिन अंग्रेजी हुकूमत द्वारा फांसी पर लटका दिया गया था. इसलिए, उनकी शहादत को नमन करने लिए 23 मार्च को 'शहीद दिवस' के रूप में मनाया जाता है.


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