नई दिल्ली: मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने काहिरा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'ऑर्डर ऑफ द नाइल' पुरस्कार से सम्मानित किया। 'ऑर्डर ऑफ द नाइल' मिस्र का सर्वोच्च राजकीय सम्मान है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने काहिरा में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के बाद मिस्र के दौरे पर हैं। रविवार को वह काहिरा की अल-हाकिम मस्जिद पहुंचे। 11वीं सदी में दाऊदी बोहरा समुदाय ने इस मस्जिद का जिर्णोद्धार करवाया था। इसके अलावा यह मस्जिद को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया है।मस्जिद में पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी का शानदार स्वागत किया गया। उन्होंने यहां लगी तस्वीरों को देखा। इसके बाद मस्जिद में उपस्थित लोगों से मुलाकात की।
प्रधानमंत्री मोदी ने मस्जिद की शानदार वास्तुकला और नक्काशी को भी गौर से देखा। इसके बाद उन्हें कई उपहार भी दिए गए। इसमें शीशे में बंद एक लकड़ी की नौकै, एक चीनी मिट्टी का बना बर्तन नुमा उपहार, मस्जिद की तस्वीर शामिल हैं। बता दें कि 1997 के बाद पहली बाद भारत प्रधानमंत्री मिस्र की आधिकारिक यात्रा पर पहुंचे हैं।
13वीं सदी में मिस्र में ममलूक सल्तनत शासन करने लगी। 1303 के भूकंप में इस मस्जिद को नुकसान पहुंचा। ममलूक सुल्तान अबु-अल-फतह ने इसका जीर्णोद्धार करवाया। हालांकि यह काम ठीक से नहीं किया गया। बाद में इस मस्जिद का इस्तेमाल जेल और अस्तबल के रूप में भी किया गया। नेपोलियन ने इसका किले के रूप में इस्तेमाल किया। 20वीं सदी में स्कूल भी बनाया गया। लेकिन 1970 में दाऊदी बोहरा समुदाय के धर्मगुरु मोहम्मद बुरहानुद्दीन ने इसकी मरम्मत की जिम्मेदारी ली। वह भारत से जुड़े हुए थे। सामाजिक कार्यों के लिए भारत में उन्हें मरणोपरांत पद्मश्री से सम्मानित भी किया गया। 24 नवंबर 1980 को इसे औपचारिक रूप से खोल दिया गया। अब पर्यटक भी इस मस्जिद में जा सकते हैं। बता दें कि दाऊदी बोहरा भारत का एक छोटा सा मुस्लिम समुदाय है। गुजरात में इस समुदाय की अच्छी आबादी है।
पीएम मोदी ने मिश्र के उद्योगपतियों व विद्वानों से की मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिश्र की अपनी मौजूदा यात्रा के दौरान मध्य पूर्व और उत्तर अफ़्रीकी क्षेत्र में कार्यरत मिस्र की सबसे बड़ी हसन अल्लम होल्डिंग कंपनी के सीईओ हसन अल्लम से मुलाकात की। मोदी ने शनिवार को काहिरा में हसन से मुलाकात कर नवीकरणीय ऊर्जा, हरित क्षेत्र में भारतीय कंपनियों के साथ घनिष्ठ सहयोग,
हाइड्रोजन, बुनियादी ढांचा और निर्माण क्षेत्र की संभावनाओं पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने मिस्र के प्रसिद्ध लेखक तारेक हेग्गी से भी मुलाकात की। दोनों के बीच वैश्विक भू-राजनीति से संबंधित मुद्दों, ऊर्जा सुरक्षा, कट्टरवाद और लैंगिक समानता पर चर्चा की।