दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिसमस के अवसर पर देशवासियों को बधाई दी। बता दें कि ईसाई समुदाय की मान्यताओं के अनुसार प्रभु यीशु का जन्म 25 दिसंबर को हुआ था. इस दिन को क्रिसमस-डे कहने का एक कारण ये भी था कि रोमन लोग विंटर सोलस्टाइस के दौरान 25 दिसंबर को सूर्य के जन्म के रूप में मनाते थे. मसीह के जन्म का सटीक महीना और तारीख अभी तक पता नहीं है लेकिन ऐसा माना जाता है कि पश्चिमी ईसाई चर्च ने चौथी शताब्दी के मध्य में 25 दिसंबर को क्रिसमस के रूप में मनाने को मान्यता दी.
'वी विश यू ए मैरी क्रिसमस' वाक्य का उल्लेख वर्ष 1843 में चार्ल्स डिकेंस के उपन्यास 'ए क्रिसमस कैरल' में किया गया था, जो तब से इसकी लोकप्रियता का एक बड़ा कारण था. इसी साल यह वाक्य क्रिसमस कार्डों में दिखाई देने लगा था. इतिहासकारों का मानना है कि यह एक सरल व्याकरणीय अर्थ में देखें तो "हैप्पी" एक ऐसा शब्द है जो एक आंतरिक भावनात्मक स्थिति का वर्णन करता है.
इसमें आप किसी को खुश रहने की दुआ के साथ त्योहार विश कर रहे होते हैं. वहीं, मेरी शब्द विक्टोरियन काल में एक व्यवहारिक वर्णन में ज्यादा उत्साही और खुशी के अतिरेक के अर्थों में लिया जाने लगा. जैसे-जैसे समय के साथ दोनों शब्द विकसित हुए और अर्थ बदलते गए, लोगों ने धीरे-धीरे 18वीं और 19वीं शताब्दी के दौरान "मेरी" शब्द को अपने व्यक्तिगत शब्द के रूप में इस्तेमाल करना बंद कर दिया. यह "द मोर, द मेरियर" जैसे सामान्य वाक्यांशों के साथ-साथ क्रिसमस गीतों और कहानियों जैसी चीजों में भी अटका रहा. क्रिसमस मनाने के तरीकों में विक्टोरियन काल आज भी कई क्रिसमस परंपराओं को समेटे है.