Plasma की कालाबाजारी का भंडाफोड़, 45 हजार में करते थे सौदा, नगदी के साथ दो आरोपी गिरफ्तार
खुलासा
नोएडा। कोरोना काल में मुनाफाखोर और कालाबाजारी करने वाले लोग सक्रिय हैं. रेमडेसिविर इंजेक्शन के बाद अब प्लाज्मा की कालाबाजारी का पर्दाफाश हुआ है. उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जनपद के नोएडा थाना बीटा 2 और क्राइम ब्रांच के टीम ने अवैध रूप से प्लाज्मा का बेच रहे दो लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपी प्लाज्मा की कालाबाजारी कर मुनाफाखोरी में लगे हुए थे. पुलिस को इनके कब्जे से एक यूनिट प्लाज्मा, एक ब्लड सैंपल, एक कार, दो मोबाइल फोन और 35,000 रुपये बरामद हुआ है.
एक तरफ जहां पूरा देश कोरोना महामारी से परेशान है, लोग जरूरी दवाइयां, ऑक्सीजन और प्लाज्मा के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. वहीं यह दोनो अभियुक्त लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर नाजायज तरीके से पैसे कमाने में जुटे हुए थे. आरोपी प्लाज्मा थेरेपी वाले जरूरतमंद लोगों को 40,000 से 45,000 रूपये में प्रति यूनिट प्लाज्मा बेच कर मुनाफाखोरी कर रहे थे.
पुलिस की पूछताछ में दोनों आरोपियों ने बताया कि वो अलग-अलग अस्पतालों में प्लाज्मा थेरेपी के जरूरतमंद मरीजों को सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क करते थे फिर डोनर का इंतजाम कर प्लाज्मा को 40 हजार से 45 हजार रूपये में बेचते थे. आरोपियों ने अभी तक कई यूनिट प्लाज्मा अवैध रूप से बेचने की बात स्वीकार की है. पुलिस ने मामला दर्ज कर इन दोनों को जेल भेज दिया है.