पीयूष जैन दौलत से ज्यादा सादगी के लिए था मशहूर, जानिए कारोबारी तक कैसे पहुंची जांच?

Update: 2021-12-28 07:31 GMT

नई दिल्ली: कानपुर के इत्र व्यापारी पीयूष जैन इन दिनों सुर्खियों में हैं। आयकर विभाग और डीजीजीआई द्वारा की गई छापेमारी में उनके कार्यालयों और आवासों से 257 करोड़ रुपये नकद के साथ-साथ सोना-चांदी बरामद की गई है। अधिकारियों को करीब 20 कैश काउंटिंग मशीन और एसबीआई अधिकारियों की एक पूरी टीम बुलानी पड़ी।

जांच एजेंसियों के आंखों में धूल झोंकने के लिए पीयूष जैन एक लो-प्रोफाइल जीवन जी रहे थे। वह स्कूटर चलाते थे और घर में हैचबैक कार रखते थे। जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने बताया कि कैसे बेहिसाब नकदी के मुद्दों का खुलासा हुआ है। पकड़े गए व्यापारी की कहानी काफी दिलचस्प है।
यह मामला तब सामने आया, जब डीजीजीआई ने चार ट्रकों में लदे तंबाकू और पान मसाला पर जीएसटी का भुगतान नहीं करने के मामले में कार्रवाई की। ट्रक गणपति रोड कैरियर के थे। इसके जरिए डीजीजीआई के अधिकारी शिखर पान मसाला फैक्ट्री पहुंचे जहां अधिकारियों ने गणपति रोड कैरियर के नाम से 200 से ज्यादा फर्जी चालान बरामद किए।
कार्रवाई के दौरान शिखर गुटखा के निर्माताओं ने स्वीकार किया कि उन पर टैक्स बकाया है और उन्होंने 3.09 करोड़ रुपये जमा किए। इस बीच शिखर गुटखा के एक और साथी ओडोकैम इंडस्ट्रीज का नाम सामने आया। यहीं से शुरू होती है पीयूष जैन की कहानी।
पीयूष जैन ओडोकैम इंडस्ट्रीज के मालिक हैं। अधिकारियों ने जल्द ही कानपुर में कंपनी के पंजीकृत पते पर छापा मारा, जो आनंदपुरी में जैन का घर था। डीजीजीआई की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार अधिकारियों ने इस मकान से 177.45 करोड़ रुपए नकद बरामद किए हैं।
इसके बाद अधिकारियों ने कन्नौज में पीयूष जैन की फैक्ट्री और आवास पर छापेमारी की। अधिकारियों ने फैक्ट्री से 17 करोड़ रुपये नकद बरामद किए, जिसकी गिनती अभी चल रही थी। इसके अलावा करीब 6 करोड़ रुपये कीमत का 23 किलो सोना और 600 किलो चंदन का तेल भी बरामद किया गया है। हैरान करने वाली बात ये थी कि ये सब एक अंडरग्राउंड टैंक में छिपा हुआ था।
यूपी में इस मुद्दे पर एक राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है, जिसमें भाजपा नेताओं ने दावा किया कि जैन वही व्यक्ति थे जिन्होंने हाल ही में सपा कार्यालय में 'समाजवादी परफ्यूम' लॉन्च किया था और वह पार्टी से भी जुड़े थे। हालांकि, 'समाजवादी परफ्यूम' लॉन्च करने वाले व्यक्ति पुष्पराज जैन उर्फ ​​पम्पी जैन हैं जो समाजवादी पार्टी के एमएलसी रह चुके हैं। सपा नेताओं ने यह भी कहा है कि उनका पीयूष जैन से कोई लेना-देना नहीं है और इसके बजाय जैन सत्तारूढ़ भाजपा से संबंधित थे।
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