विदेशों में फंसे हजारों अपनों को वापस लाने वाली पायलट लक्ष्मी जोशी, पिता ने लोन लेकर दिलाई थी ट्रेनिंग
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नई दिल्ली: कोविड-19 के शुरुआत दौर में विदेश में लाखों भारतीय फंसे हुए थे. उस समय मई 2020 में वंदे भारत मिशन (Vande bharat mission) के तहत विदेशों में फंसे लाखों भारतीयों को वापस प्लेन से इंडिया लाने का मिशन शुरू हुआ था. इस मिशन में पायलट्स ने हौसला दिखाते हुए वंदे भारत मिशन के लिए स्वेच्छा से काम किया था और अलग-अलग देशों से भारतीयों को लेकर आए थे. उन्हीं पायलट्स में भारत की एक ऐसी बेटी भी शामिल थी, जिसने बचपन से ही पायलट बनने का सपना देख लिया था. यह महिला पायलट हर उस युवा लड़की के लिए एक प्रेरणा हैं, जो हवाई जहाज उड़ाने का सपना देखती हैं.
इन्होंने विदेशों में फंसे भारतीयों को बचाने के लिए महामारी के पीक के दौरान 1 महीने में तीन उड़ानें भरी थीं. तो आइए जानते हैं कि कौन हैं ये महिला पायलट और उन्होंने अपने बचपन के सपने को कैसे पूरा किया.
कोरोना महामारी में विदेशों से भारतीयों को भारत लाने वाली इस महिला पायलट का नाम लक्ष्मी जोशी (Laxmi Joshi) है. हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया कि बचपन में जब वे 8 साल की थीं, तब एक बार हवाई जहाज में बैठी थीं, बस उस दिन से ही उन्होंने ठान लिया था, कि वे पायलट ही बनेंगी. जैसे-जैसे वे बड़ी हुई उन्होंने पायलट बनने के लिए कड़ी मेहनत की और अपना सपना पूरा किया.
लक्ष्मी ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि उनकी ट्रेनिंग के लिए उनके पिताजी ने लोन लिया था, ताकि उनकी बेटी अपना सपना पूरा कर सके. उन्हें 2 साल की कड़ी मेहनत के बाद उन्हें पायलट का लाइसेंस मिला था और उस समय वे बहुत खुश थी. इसके बाद उन्हें एयर इंडिया में नौकरी मिली. जब उनके रिश्तेदार बेटी के बारे में पूछते तो उनके पिता बोलते थे कि 'मेरी बेटी उड़ने के लिए बनी है.' नौकरी के अलावा भी लक्ष्मी काफी कुछ करना चाहती थीं, इसलिए उन्होंने महामारी के समय अपनी इच्छा से विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने वाले मिशन में शामिल होने का मन बनाया.
लक्ष्मी आगे बताती हैं कि माता-पिता को समझाना काफी मुश्किल था, लेकिन जब मैंने उन्हें समझाया कि मिशन कितना महत्वपूर्ण है, तो उन्होंने इच्छा न होते हुए भी हां बोल दिया. मैंने पहली उड़ान चीन के शंघाई के लिए भरी थी. चीन उस समय वायरस का हॉट स्पॉट बना हुआ था, इसलिए हर किसी को चिंता थी, लेकिन हमारा उद्देश्य था वहां फंसे भारतीयों को वापस लाना.
हम लोगों ने हजमत सूट पहन कर प्लेन उड़ाया था, जो खतरनाक वायरस से रक्षा करता है. मुझे वो भी याद है जब फ्लाइट ने इंडिया में लैंड किया था, तो सभी यात्रियों ने खड़े होकर हमारा शुक्रिया अदा किया था, और उनमें से एक बच्ची ने आकर कहा था कि 'मैं भी आपकी तरह बनना चाहती हूं'. पहले मिशन के बाद मैंने 3 उड़ान भरी थीं, जिसमें एक बार मेडिकल सामान वाला प्लेन उड़ाया था.
लक्ष्मी जोशी प्रोफेशनल लाइफ के अलावा फिटनेस को भी अपनी लाइफ का अहम हिस्सा मानती हैं. वे जब ऑफ ड्यूटी होती हैं, वे जिम जाना और वर्कआउट करना नहीं भूलतीं. उन्हें स्ट्रेंथ ट्रेनिंग काफी पसंद है. वे कार्डियो भी करती हैं, जिसमें कई वेरिएशन होते हैं.
इसके अलावा वे एब्स एक्सरसाइज भी करती हैं, जिससे उन्हें पेट यानी कोर मसल्स की स्ट्रेंथ बढ़ाने में काफी मदद मिलती है. इतनी मुश्किल भरी जॉब में भी लक्ष्मी अपनी डाइट को काफी अच्छे से मेंटेन करती हैं, जिससे वे फिट रहती हैं.
लक्ष्मी जोशी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं और वे अपने फोटोज-वीडियोज शेयर करती रहती हैं. प्रोफेशनल लाइफ में वे अपनी काम पर जितना फोकस करती हैं, उतना ही फोकस वे अपनी पर्सनल लाइफ पर भी करती हैं. उन्हें घूमने और फोटोग्राफी का काफी शौक है. वहीं, अगर उनकी स्टाइलिंग की बात की जाए तो लक्ष्मी जोशी का फैशन सेंस काफी अच्छा है, जिस कारण से वे काफी स्टाइलिश कपड़े पहनती हैं, इसलिए कह सकते हैं कि कपड़ों के मामले में उनकी पसंद काफी अच्छी है. अलग-अलग मौकों के हिसाब से लक्ष्मी हर तरह की ड्रेस पहनना पसंद करती हैं.