गया: पितृपक्ष में मोक्षस्थली के रूप में चर्चित बिहार के गया में अपने पूर्वजों की मृतात्मा की शांति के लिए पिंडदान करने आने वाले तीर्थयात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो, इसके लिए जिला प्रशासन दिन-रात काम कर रहा है। इस साल पिंडदान करने गया आने वाले तीर्थयात्रियों को पीने के लिए गंगाजल भी मिलेगा।
इसके लिए विभिन्न पिंडवेदियों के समीप प्याऊ की व्यवस्था की गई है। पहले से ही गंगा जल आपूर्ति योजना के तहत यहां के घरों में पीने के लिए गंगाजल आपूर्ति की जा रही है। गंगा जलापूर्ति योजना के माध्यम से ही तीर्थयात्रियों को गंगाजल उपलब्ध कराया जाएगा। गया के जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने आईएएनएस को बताया कि सीता कुंड और देवघाट पर तीन अलग-अलग प्याऊ बनाए गए हैं जिसमें सभी में सात या उससे अधिक नल लगाए गए हैं, जिससे तीर्थयात्रियों को पेयजल के रूप में गंगाजल आपूर्ति की जाएगी।
इसके अलावा विष्णुपद मंदिर के सटे बाहर में भी प्याऊ का निर्माण करवाया जाता है, जहां गंगा का पानी चालू करवा दिया गया है, यहां 10 से अधिक नल लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा कई अन्य पिंडवेदियों के पास और तीर्थयात्रियों के रहने वाले स्थलों पर भी ऐसी व्यवस्था की जा रही है।
डॉ त्यागराजन ने बताया कि गांधी मैदान में जहां तीर्थयात्रियों के रहने के लिए टेंट सिटी बनाई जा रही है, वहां भी पाइप लाइन के जरिए गंगाजलापूर्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि यहां धार्मिक कर्मकांड के लिए लोग पहुंचेंगे और ऐसे में पवित्र गंगाजल पीने के लिए मिलेगा तो उन्हें और खुशी होगी।
उन्होंने दावा किया कि गंगा जल की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गया पहुंचकर पितृपक्ष की तैयारियों का जायजा लिया था और अधिकारियों को कई निर्देश दिए थे। इस वर्ष पितृपक्ष मेला 28 सितंबर से शुरू होकर 14 अक्टूबर तक चलेगा। इन 15 दिनों में देश-विदेश के लाखों तीर्थयात्री अपने पूर्वजों की मृतात्मा की शांति और मोक्ष के लिए यहां पिंडदान करने आते हैं।