नखरेबाज IAS पूजा खेडकर बोलेरो से दफ्तर पहुंचीं, विवादों को लेकर सुर्खियों में हैं
विवाद के बीच ट्रेनी IAS पूजा खेडकर ने नई जगह काम संभाल लिया है.
नई दिल्ली: ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर (34 साल) विवादों में हैं. केंद्र सरकार ने गुरुवार को पूजा की उम्मीदवारी वेरिफाई करने के लिए सिंगल मेंबर कमेटी का गठन किया है. पूजा पर आरोप है कि उन्होंने दिव्यांगता और OBC आरक्षण कोटे का दुरुपयोग किया और IAS की नौकरी हासिल की. विवाद के बीच ट्रेनी IAS पूजा खेडकर ने नई जगह काम संभाल लिया है. इस बार वो ऑडी कार नहीं, बल्कि बोलेरो से दफ्तर पहुंचीं. पूजा ने वाशिम में असिस्टेंट कलेक्टर का पद्भार संभाला है.
इससे पहले एक बयान में केंद्र सरकार ने कहा, 2023 बैच की आईएएस अफसर पूजा खेडकर को महाराष्ट्र कैडर आवंटित किया गया है. उनकी उम्मीदवारी के दावों और अन्य डिटेल्स को वेरिफाई करने के लिए एक अतिरिक्त सचिव-रैंक अधिकारी को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है. जांच अधिकारी दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे.
इस बीच, पूजा का पुणे से ट्रांसफर हो गया. आरोप था कि पूजा ने कथित तौर पर कई लोगों को परेशान किया और अपनी निजी ऑडी कार पर लाल लाल बत्ती भी लगा रखी थी. खेडकर पर भारतीय प्रशासनिक सेवा में नौकरी पाने के लिए शारीरिक दिव्यांगता की कैटेगिरी और ओबीसी कोटा के तहत लाभ पाने के लिए हेरफेर करने का आरोप है.
फिलहाल, गुरुवार को पूजा खेडकर ने विदर्भ क्षेत्र के वाशिम जिला कलेक्टरेट में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में अपनी नई जिम्मेदारी संभाल ली है. हालांकि, पूजा खेडकर का नया अंदाज देखने को मिला. वे लाल बत्ती लगी ऑडी कार की बजाय साधारण बोलेरो कार में सवार होकर वाशिम जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचीं और पद्भार संभाला. खेडकर ने आरोपों पर जवाब देने से परहेज किया. उन्होंने कहा, मुझे इस मामले में कुछ भी कहने का अधिकार नहीं है. सरकारी नियम मुझे कुछ कहने की अनुमति नहीं देते हैं.
ट्रेनी आईएएस पूजा का कहना था कि मैं वाशिम जिला कलेक्टरेट में ड्यूटी ज्वाइन करके खुश हूं. यहां काम करने के लिए उत्सुक हूं. इस बीच, पूजा की मुश्किलें भी बढ़ती नजर आ रही हैं. दरअसल, कार पर लाल बत्ती लगाने और VIP नंबर लेने के आरोपों की जांच के लिए पुणे पुलिस एक्टिव हो गई है. गुरुवार को पुलिस अधिकारी खेडकर के पुणे आवास पहुंचे. यहां गेट पर ताला लगा मिला. परिसर में मौजूद मां ने मीडिया को वीडियो रिकॉर्ड करने से रोका.
इससे पहले पुणे के जिला कलेक्टर सुहास दिवासे ने राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव नितिन गद्रे को पत्र लिखा था और खेडकर को दूसरे जिले में पोस्टिंग देने पर विचार करने का अनुरोध करने का अनुरोध किया था, जिसके बाद खेडकर को वाशिम भेजा गया. दिवासे ने खेडकर के व्यवहार के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है. आरोप है कि पूजा अपने जूनियर कर्मचारियों के साथ कथित गलत व्यवहार करती थीं. अतिरिक्त कलेक्टर अजय मोरे के सामने वाले कक्ष पर अवैध कब्ज़ा जमा लिया था और ऑडी पर लाल बत्ती लगा रखी थी.
इधर, वाशिम जिला कलेक्टर बुवेनेश्वरी एस ने कहा, महाराष्ट्र सरकार के आदेश के अनुसार पूजा खेडकर प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए जिला कलेक्टर कार्यालय में शामिल हुईं हैं. वे अपनी प्रशिक्षण अवधि के दौरान विभिन्न सरकारी विभागों के साथ काम सीखेंगी.
पूजा खेडकर के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम के तहत अपनी निजी कार ऑडी पर वीआईपी नंबर प्लेट के साथ लाल और नीली बत्ती के अनधिकृत उपयोग के लिए कार्रवाई की जाएगी. पुणे में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त मनोज पाटिल ने बताया कि निजी वाहन पर सायरन का इस्तेमाल करना यातायात नियमों का उल्लंघन है. हम कानून के अनुसार कार्रवाई करेंगे. पाटिल का कहना था कि खेडकर द्वारा इस्तेमाल की गई ऑडी कार उनकी मां के नाम पर पंजीकृत है और वाहन के खिलाफ पहले भी चालान जारी किए गए हैं. अब तक यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर ऑडी कार के खिलाफ 21 बार 26,500 रुपये का चालान जारी किया जा चुका है.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना था कि इस मामले की गहन जांच की जाएगी. पूजा के निजी वाहन पर लाल-नीली बत्ती लगाई गई थी और उस पर 'महाराष्ट्र शासन' की नेमप्लेट भी लगाई गई थी.