भीलवाड़ा। हमीरगढ़ निवासी एक 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला अनोखी बाई आचार्य ने मांडल निवासी अधिवक्ता इमरान काजी के मार्फत स्थाई लोक अदालत में टाटा मोटर्स फाइनेंस सोल्यूशन लिमिटेड के खिलाफ एक परिवाद पेश किया। जिसमे बताया की उनके पुत्र दुर्गा शंकर आचार्य ने 21 फरवरी 2022 को एक अशोक लीलैंड ट्रक RJ06 GB 3079 खरीदा जिस पर टाटा मोटर्स फाइनेंस से 997719 रूपये का ऋण लिया। इस दौरान टाटा मोटर्स फाइनेंस भीलवाड़ा के लोन मैनेजर ने इंडिया फर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से ऋण सुरक्षा बीमा करने के नाम पच्चास हजार रुपए लेकर 997719 रूपये का ऋण सुरक्षा बीमा कर दिया और ये आश्वस्त किया की ऋण अदायगी के दौरान अगर ऋणी की मृत्यु हो जाती हैं तो बकाया समस्त ऋण राशि माफ हो जायगी और इसकी एनओसी नॉमिनी को मिल जाएगी। उक्त वाहन पर टाटा मोटर्स फाइनेंस से ऋण लेने के 6 माह बाद दिनांक 11अगस्त 2022 को 45 वर्ष की आयु में दुर्गा शंकर की अकस्मात मृत्यु हो जाती हैं।
जिसकी सूचना दुर्गा शंकर आचार्य के परिवार वालों ने टाटा मोटर्स फाइनेंस के भीलवाड़ा ऑफिस में दे दी थी। जिस पर टाटा मोटर्स फाइनेंस के मैनेजर ने कहा की कुछ दिनों बाद बीमा कंपनी के अधिकारी सर्वे के लिऐ आपके गांव हमारीगढ़ आयेंगे और आपका बीमा क्लेम पास कर देंगे। यह है कि बीमा क्लेम की कार्यवाही के दौरान ही दिनांक 29.दिसम्बर 2022 को टाटा मोटर्स फाइनेंस के सीजर द्वारा मंदसौर में दुर्गा शंकर आचार्य के चलते वाहन को ये कहकर जब्त कर लेते हैं की इसके लोन की 178000 रूपये की किस्ते बाकी है। तो इस पर दुर्गा शंकर आचार्य की मां ने टाटा मोटर्स फाइनेंस के ऑफिस जाकर बात की और कहा की मेरे बेटे की तो मृत्यु हो गई हैं और उसके क्लेम की कार्यवाही आप ही कर रहे हो तो फिर हमारी गाड़ी को जब्त क्यों किया। तो वहा के मैनेजर ने कहा की आपका क्लेम खारिज हो चुका है इस लिए अब आपको बाकी की क़िस्ते जमा करानी होगी। इस तरह टाटा मोटर्स फाइनेंस कंपनी व इंडिया फर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस कंपनी ने आपस में मिला भगति करते हुए जानबूझ कर क्लेम खारिज करते हुए मेरे साथ धोखाधडी की है। उक्त परिवाद पत्र पर स्थाई लोक अदालत ने संज्ञान लेते हुए टाटा मोटर्स फाइनेंस सोल्यूशन लिमिटेड व इंडिया फर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को सम्मन जारी किए।