जालोर। 6 माह पहले 32 करोड़ रुपये खर्च कर नेशनल हाईवे 68 का रीकार्पेट कार्य किया गया था. जिसकी गुणवत्ता की पोल मानसून की पहली बारिश से ही खुल गई। जिसके बाद एनएचएआई के अधिकारियों ने कहा कि बारिश रुकते ही वे सड़क की मरम्मत का काम शुरू कर देंगे. अब बारिश बंद हुए भी एक महीना बीत गया, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ। जानकारी के अनुसार गांधव से गुजरात सीमा तक सड़क पीडब्ल्यूडी के अधीन थी, लेकिन पिछले साल इसे राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सौंप दिया गया। जिसके बाद एनएचएआई ने 32 करोड़ की लागत से गांधव से गुजरात सीमा तक डामरीकरण करवाया था। उसके बाद मानसून की पहली बारिश में ही यह टूट गया। अब गुजरात सीमा से गांधव तक सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हैं। जिससे आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं।
नेशनल हाईवे 68 के रीकार्पेट कार्य के टेंडर के बाद यूपी की एक कंपनी ने सड़क का कार्य घटिया गुणवत्ता से किया था। जिससे बारिश के साथ ही सड़क टूट गई। सांचौर शहर के सच विहार के सामने से लेकर माखुपुरा तक सड़क का नामोनिशान नहीं है। इसके अलावा अगर गुजरात सीमा से लेकर बाड़मेर की ओर बात करें तो मनमोहन अस्पताल से कारोला तक, धमाणा, डेडवा, सिवाड़ा, चारनीम के पास सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है. क्षतिग्रस्त राष्ट्रीय राजमार्ग 68 पर बाइक सवारों का चलना मुश्किल हो गया है. क्योंकि सड़क पर बड़े वाहनों के चलने से धूल के गुबार उड़ रहे हैं. ऐसे में बाइक सवार को सड़क पर कुछ भी नजर नहीं आता है। एनएचएआई के बाड़मेर प्रोजेक्ट मैनेजर दिग्विजय सिंह ने बताया कि गांधव से गुजरात सीमा तक सड़क रीकार्पेटिंग के बाद बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हो गई है। इसकी मरम्मत का काम एक अक्टूबर से शुरू किया जाएगा।