मथुरा: यमुना को प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में कदम उठाते हुए जिला प्रशासन ने जन संवाद कार्यक्रम के तहत लोगों से सुझाव मांगे हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि पहल का पहला चरण कुछ दिनों पहले शुरू हुआ था। उन्होंने बताया कि नमामि गंगे कार्यक्रम प्राधिकार से भी धन के लिए संपर्क किया जाएगा।
जिलाधिकारी पुलकित खरे ने बताया कि मथुरावासियों के सहयोग से जिला प्रशासन ने यमुना को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए एक नयी पहल की है। यह सुनिश्चित करना सभी की जिम्मेदारी है कि नदी का पानी साफ रहे।
उन्होंने आगे कहा कि पहले चरण में जन संवाद कार्यक्रम के तहत नदी को स्वच्छ बनाने के लिए लोगों से सुझाव लिए जा रहे हैं। दूसरे चरण में समस्या वाले क्षेत्रों तक पहुंचने का प्रयास किया जाएगा और लोगों को मुहिम में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
निगम आयुक्त अनुनय झा ने बताया कि मथुरा जिले में यमुना का प्रवाह लगभग 16 किमी है। इस दूरी में वृन्दावन में केशी घाट, जुगल घाट तथा मथुरा में स्वामी घाट, बंगाली घाट, विश्राम घाट समेत तीन दर्जन घाट हैं। उन्होंने कहा कि इन्हीं नालों से अक्सर प्रदूषित जल यमुना नदी में बिना शुद्धीकरण के बह जाता है।
झा ने कहा कि सरकारी तंत्र लगातार इन नालों के पानी को उपचारित करने की प्रक्रिया में जुटा हुआ है। उन्होंने कहा कि मथुरा और वृन्दावन में 31 नालों के पानी को उपचारित किया गया है जो सीधे पानी और अन्य प्रदूषकों को नदी में बहाते हैं। उन्होंने कहा कि शेष पांच नालों के पानी के उपचार से स्थिति में और सुधार होगा।