कोरोना से ठीक हो रहे लोग अब भी परेशान...ज्यादा दौड़-भाग करने पर फूलने लगती है सांस

Update: 2022-01-19 02:25 GMT

प्रतीकात्मक फोटो 

दिल्ली। 'कोरोना से ठीक हुए हफ्ते बीत गए. टेस्ट कराया तो रिपोर्ट भी निगेटिव आई. लेकिन अब भी आराम नहीं है. काम करते-करते थकान हो जाती है. ज्यादा दौड़-भाग करो तो सांस फूलने लगती है.' ये कुछ ऐसी बातें हैं जो कोरोना से ठीक हुए लोगों से सुनी जा सकती हैं. कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद भी लोग पूरी तरह ठीक नहीं हो पा रहे हैं. नवंबर 2021 में हुई एक स्टडी में सामने आया था कि दुनियाभर में कोरोना से ठीक हो चुके 40 फीसदी लोग ऐसे थे जो किसी न किसी समस्या से जूझ रहे थे. ये वो लोग थे जो कोरोना को हरा तो चुके थे लेकिन उनके शरीर से कोरोना अब तक भागा नहीं था.

कोरोना से ठीक होने के बाद भी कई लोगों को दूसरी परेशानियां हुईं. कई लोगों को छोटा सा काम करने के बाद ही थकान होने लगी, तो किसी को सांस लेने में दिक्कत, किसी को दिल की बीमारी हो गई तो कई मामलों में हालात इतने बिगड़ गए कि मौत तक हो गई. भारत में भी कई ऐसे मामले सामने आए जिनमें व्यक्ति कोरोना से ठीक होकर घर लौटा और कुछ ही दिन बाद हार्ट अटैक से उसकी मौत हो गई.

- जुलाई 2021 में मैक्स हेल्थकेयर ने एक स्टडी की थी. ये स्टडी कोरोना से ठीक हो चुके 990 लोगों पर की गई थी. इसमें पाया गया कि इनमें से 40 फीसदी लोग ऐसे थे जो किसी न किसी समस्या से जूझ रहे थे.

- इसी तरह हैदराबाद स्थित एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी (AIG) ने भी एक स्टडी की थी. इसमें 5,347 लोगों को शामिल किया गया था. इनमें से 42% फीसदी ने दिक्कत होने की बात कुबूली. इनमें थकान (64.15%), शरीर में दर्द (31%) और गैस की समस्या (25%) जैसे लक्षण थे.

- थकान, कमजोरी और नींद न आना जैसी शिकायत केवल गंभीर मरीजों में ही नहीं, बल्कि हल्के लक्षण वाले मरीजों में भी देखे गए. स्टडी बताती है कि 51% लोग जिन्हें हल्के लक्षण थे, उन्हें इस तरह की समस्या से जूझना पड़ा.

- सितंबर 2021 में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना से ठीक होने के बाद होने वाली समस्याओं के प्रबंधन के लिए गाइडलाइंस जारी की थी. ये पहली बार था जब सरकार ने आधिकारिक तौर से पोस्ट-कोविड कॉम्प्लिकेशन की बात को माना था.

- स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, अस्पताल में भर्ती होने वाले कोविड-19 के 20 से 30 फीसदी गंभीर मरीजों के दिल की मांसपेशियों में समस्याएं देखी गईं. इनकी कई वजह थीं, जैसे- ट्रॉपोनिन का बढ़ा हुआ लेवल, शिराओं में खून के थक्केत जमना, धड़कनों का अनियमित होना और हार्ट अटैक. कोरोना को मात देने के 60वें दिन बाद भी 20 फीसदी मरीजों ने सीने में दर्द महसूस किया और 10 फीसदी मरीजों के सीने में सनसनी होने जैसे लक्षण दिखे.

महामारी से पहले और बाद की स्थिति से तुलना की जाए तो कोरोनाकाल में मरीजों में 4 से 5 गुना तक स्ट्रेेस कार्डियोमायोपैथी की स्थिति बनी. ऐसे मामलों में बढ़ते तनाव के कारण दिल के काम करने की क्षमता पर असर पड़ता है. हार्ट की एमआरआई कराने पर सामने आया कि कोरोना का पता चलने के 2 महीने से अधिक समय बीतने के बाद भी दिल की मांसपेशि‍यों में सूजन देखी गई. - विश्व स्वास्थ्य संगठन की अक्टूबर 2021 में आई एक रिपोर्ट में कुछ लक्षण बताए गए थे, जिससे लोग लॉन्ग कोविड की पहचान कर सकते हैं. इन लक्षणों में थकान, सांस लेने में समस्या और याद्दाश्त में कमी जैसी समस्या हो सकती है.

कोविड से ठीक होने के बाद क्या करें?

सितंबर 2021 में स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक गाइडलाइन जारी की थी. इसमें कोरोना से ठीक होने के बाद क्या-क्या सावधानियां बरतने की जरूरत है, बताया गया था. इसके मुताबिक, कोरोना से ठीक होने के बाद-

- कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करें. मास्क पहनें और दूरी बनाए रखें.

- सही मात्रा में गर्म पानी पिएं.

- डॉक्टर की सलाह पर योग, प्राणायम और मेडिटेशन करें.

- फिजिशियन की सलाह पर ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें.

- हर सुबह और शाम को वॉक कर सकते हैं.

- पौष्टिक आहार लें. ऐसा खाना खाएं जो आसानी से पच जाए.

- अच्छी नींद लें. आराम करें. शराब और सिगरेट से दूर रहें.

- अगर पहले से कोई बीमारी है तो डॉक्टर की सलाह पर उसकी दवा लें.

- सेल्फ हेल्थ मॉनिटरिंग करें. पल्स, ऑक्सीजन, ब्लड प्रेशर, शुगर लेवल चेक करते रहें.

- अगर गले में खराश है तो गरारे करें या भाप लें.

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