ASI को सस्पेंड करने को लेकर आईजी, जिला कलेक्टर, एसपी से मिले राजपूत समाज के लोग
पाली। पाली कलेक्ट्रेट के बाहर बुधवार को बड़ी संख्या में राजपूत समाज के लोग एकत्रित हुए। उन्होंने ASI ओमप्रकाश चौधरी के खिलाफ आईजी, जिला कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन सौंपा। जिसमें ASI को निलंबित कर मुख्यालय जयपुर करने और एएसआई के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की। ज्ञापन सौंपते हुए उन्होंने बताया कि एएसआई का कार्यकाल विवादित रहा है। पूर्व में उनके खिलाफ कई शिकायतें दर्ज हो चुकी है। बस स्टैंड चौकी में रहते हुए उन्होंने एक युवक से मारपीट की थी। इसके साथ और भी कई प्रकरण हैं जिससे एएसआई से परेशान लोग कई बार शिकायत कर चुके हैं। फिर भी उसे फील्ड पोस्टिंग दे दी जाती है। ज्ञापन सौंपते हुए उन्होंने एएसआई को निलंबित कर मुख्यालय जयपुर करने और उसके खिलाफ राजपूताना नॉनवेज रेस्टारेंट में घुसकर संचालक ईश्वर सिंह राजपूत को मुर्गा बना कर प्रताड़ित करने के मामले में मुकदमा दर्ज करने की मांग की।
ज्ञापन सौंपते मारवाड़ राजपूत सभा अध्यक्ष हनुमानसिंह खागटा, गजेन्द्र सिंह कालवी, अजयपाल सिंह हेमावास, यशपाल सिंह कुम्पावत, महावीर सिंह टेवाली, विक्रम सिंह जोधा, गोपाल सिंह शेखावत, भरत सिंह मंडली, जितेन्द्र सिंह डेंडा, ईश्वर सिंह डेंडा आंनदसिंह गिरवर, मेहबूब भाई, आईदान सिंह भाटी, सुरेन्द्रसिंह चांदावत, महेन्द्र सिंह, बाघसिंह, सवाई सिंह, महावीरसिंह, कूरणा सरपंच लाभूराम देवासी, नटवरसिंह कुरणा, ऋर्षिपाल सिंह मंडली, पार्षद विक्रमसिंह, डेंडा सरपंच दिलीप सिंह सहित बड़ी संख्या में राजपूत समाज के लोग मौजूद रहे। बता दें कि 11 सितम्बर को भी गुंदोज के निकट होटल राजपूताना नॉनवेज रेस्टारेंट संचालक ईश्वर सिंह राजपूत के नेतृत्व में ग्रामीणों ने पाली में एसपी से मिल कर एसएसआई ओमप्रकाश चौधरी पर पद का दुरुपयोग करने, रुपयों की मांग करने, मारपीट कर मुर्गा बनाने तथा रुपए नहीं दिने पर शराब के झूठे मुकदमे में फंसाने के आरोप लगाते हुए ज्ञापन दिया था।
पाली जिले के बाली एसडीएम को बेड़ा, दूदनी, कोठार, वरावर, रघुनाथपुरा के ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंपा। जिसमें उन्होंने कहा कि जवाई लेपर्ड सेंचूरी क्षेत्र में अवैध रूप से माइंस एलोट की गई है, जिसे रोका जाए। माइंस के कारण ग्रामीण भय के माहौल में जी रहे है। उन्होंने कहा कि बेडा क्षेत्र में 20 से 25 होटल्स और 100 जिप्पसी है जो पूरी तरह लेपर्ड सफारी पर आधारित है। इससे यहां के लोगों को रोजगार मिल रहा है। क्षेत्र का यह एक बड़ा रोजगार का साधन है। जिस जगह पर माइंस की अनुमति मिली है। वहां पर लेपर्ड की प्राकृतिक गुफा है और माइंस चालू होने से लेपर्ड को खतरा बढ़ गया है और सफारी व होटल्स का व्यापार भी चौपट हो रहा है। जिससे इस व्यवसाय से जुड़े लोग बेरोजगार हो जाएंगे। ज्ञापन सौंपते हुए उन्होंने तुरंत माइंस का काम बंद करवाने की मांग की। उन्होंने कहा कि जिस जमीन पर माइंस की अनुमति मिली है वो जमीन अभी भी खेती (कृषि भूमि) की हैं। जो पूरी तरह से माईन्स के लिए अवैध भूमि है। ज्ञापन सौंपते हुए उन्होंने जमाबंदी की फोटोकॉपी भी सौंपी।