मुंबई की लोकल ट्रेनों में लोगों को बिना टीकाकरण सफर की अनुमति नहीं
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मुंबई: लोकल में सफर करने वाले वालों को जल्द ही अच्छी खबर मिल सकती है. जल्द वैक्सीन की दोनों डोज लिये बिन भी लोकल ट्रेनों में सफर की इजाजत दी जा सकती है. बंबई हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह उन लोगों पर शहर की उपनगरीय रेल सेवाओं का इस्तेमाल करने पर लेकर लगाए गए प्रतिबंध का औचित्य समझाएं, जिन्होंने अभी कोरोना रोधी वैक्सीन नहीं ली है. मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की पीठ ने राज्य के मुख्य सचिव को शपथपत्र दाखिल कर यह बताने का निर्देश दिया कि लोकल ट्रेन से यात्रा के दौरान टीकाकरण करा चुके और टीकाकरण नहीं कराने वाले लोगों के बीच भेदभाव करने का औचित्य क्या है?
अदालत ने लोकल ट्रेन से यात्रा के लिए पूर्ण टीकाकरण की अनिवार्यता संबंधी राज्य के आदेश के खिलाफ दायर दो याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कहा कि राज्य 21 दिसंबर तक शपथपत्र दाखिल करे. याचिकाओं में तर्क दिया गया है कि हालांकि केंद्र सरकार ने टीकाकरण को स्वैच्छिक बनाया है, महाराष्ट्र सरकार ने टीकाकरण को अनिवार्य बनाकर इसके विपरीत कदम उठाया है. यह नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.
राज्य सरकार ने अदालत से कहा कि इस प्रकार का प्रतिबंध नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं है, क्योंकि उन्हें केवल लोकल ट्रेन में यात्रा करने से रोका गया है. उन्हें अपने निजी वाहनों से यात्रा करने की अनुमति है, भले ही उनका टीकाकरण हुआ हो या नहीं. राज्य सरकार ने कहा कि कोविड-19 संबंधी प्रतिबंध नागरिकों के लिए असुविधा पैदा करने के मकसद से नहीं, बल्कि वायरस को फैलने से रोकने के लिए एहतियात के तौर पर उठाए गए हैं. उच्च न्यायालय इस मामले पर अब 22 दिसंबर को आगे सुनवाई करेगी.