वीर सावरकर पर लोगों को गलत जानकारी, स्वतंत्रता के बाद से ही सावरकर को बदनाम किया जा रहा- मोहन भागवत
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सावरकर पर लिखी पुस्तक के विमोचन के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि आजादी के बाद से वीर सावरकर के बारे में लोगों में जानकारी का अभाव है। लेकिन अब लोग इस पुस्तक के जरिए वीर सावरकर को जान सकेंगे। इसके बाद स्वामी विवेकानंद, स्वामी दयानंद सरस्वती और योगी अरविंद का नंबर है। उनके बारे में भी सही जानकारियां लोगों तक पहुंचाई जाएंगी।
सावरकर पर लिखी पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने इशारों ही इशारों में विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधा, जो सावरकर के बारे टिप्पणी करते रहे हैं। भागवत ने कहा कि वीर सावरकर को लेकर आज भी भारत में जानकारी का अभाव है, लोगों तक उनके बारे में गलत जानकारियां हैं।
भागवत ने आगे कहा कि आजादी के बाद से ही वीर सावरकर को बदनाम करने की मुहिम चलाई जा रही है। लेकिन अब इस पुस्तक से लोगों में ये भ्रम टूट जाएगा। इसके बाद स्वामी विवेकानंद, स्वामी दयानंद सरस्वती और योगी अरविंद का नंबर है, क्योंकि वीर सावरकर की ही तरह इनके बारे में भी गलत जानकारियां फैली हैं। वीर सावरकर जो भी थे, इन्हीं तीनों के विचारों से प्रभावित थे।
आरएसएस प्रमुख ने कहा, "भारतीय परंपरा धर्म से जुड़ती है, ये परंपरा उठाने वाली है न कि बिखेरने वाली। कुल मिलाकर ऐसे समझें कि भारतीय धर्म मानवता है। जो भारत का है, उसकी सुरक्षा और प्रतिष्ठा भारत से जुड़ी है।"
कार्यक्रम में मौजूद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि वीर सावरकर महान स्वतंत्रता सैनानी थे। राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को अनदेखा करना उनको अपमानित करने जैसा है।