मरीजों की जान खतरे में, मरीजों के परिजन मनमाने रेट पर निजी एंबुलेंस लाने को मजबूर

Update: 2023-09-05 11:17 GMT
भरतपुर। भरतपुर न्यूनतम वेतन और संविदा कैडर में शामिल करने की मांग को लेकर 108 एंबुलेंस सेवा के कर्मचारी हड़ताल पर आ गए हैं। एंबुलेंस कार्य में ठेका प्रथा को खत्म करने की भी मांग कर रहे हैं। एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल की वजह से मरीजों और उनके परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालात ऐसे हो गए कि लोग मरीजों को निजी एंबुलेंस और गाड़ियों में लाने को मजबूर हैं। उधर, निजी एंबुलेंस संचालक भी मौके का फायदा उठा रहे हैं। वे मरीजों के परिजनों से मनमानी कीमत ले रहे हैं। बयाना सीएचसी पर 108 एंबुलेंस सेवा की दो एंबुलेंस है। दोनों ही एंबुलेंस के पहिए हड़ताल के कारण थम गए हैं।
हड़ताल से मरीजों को महंगी निजी एंबुलेंस लेनी पड़ रही है। वहीं दुर्घटनाओं में घायल होने वाले लोगों को अस्पताल पहुंचाने के लिए भी कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है। ऐसे में मरीजों की जान खतरे में पड़ रही है। एंबुलेंस कर्मियों ने बताया कि वे 12-13 घंटे काम करते हैं, बदले में उन्हें उचित मानदेय नहीं मिलता। सरकार उन्हें संविदा पर बहाल कर ले, तो इन्हें उचित मानदेय मिलेगा और सरकार के जो पैसे कंपनी रखती है, वह भी बचेंगे। सोमवार सुबह पंचायत समिति पर एक लावारिस व्यक्ति बेहोशी की हालत में पड़ा मिला। लोगों ने 108 को फोन लगाया, लेकिन जवाब नहीं मिला। एक घंटे तक इंतजार के बाद लोग बाइक पर डालकर अस्पताल ले गए।
बयाना के गांव मांगरैन निवासी मोहनलाल ने बताया कि उसके भाई को तबीयत खराब होने पर रेफर किया गया, एम्बुलेंस के लिए पता किया तो बताया गया कि हड़ताल चल रही है, इसलिए एम्बुलेंस नहीं मिलेगी और मजबूरन उन्हें 2 हजार रुपए देकर एक निजी एम्बुलेंस को लेकर भरतपुर जाना पड़ा। भुसावर| स्टेट हाइवे पर फिसल जाने पर बाइक सवार सूरौठ निवासी पुष्पेंद्र पुत्र सुगर सिंह घायल हो गया। जिसे लोगो ने निजी वाहन से अस्पताल में भर्ती करा दिया। उसकी गम्भीर हालत के चलते भरतपुर रेफर किया। परिजन एम्बुलेंस न होने के चलते रात भर वाहन तलाशते रहे लेकिन उन्हें सुबह 5.30 बजे एक निजी वाहन मिला। हड़ताल की वजह से लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।
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