यात्री को बाहर फेंका! जीआरपी जवानों ने चलती ट्रेन से दिया धक्का, यात्री की मौत, जानें लेटेस्ट अपडेट
मचा हड़कंप।
गिरिडीह: झारखंड के गिरिडीह के रहने वाले वाले एक शख्स की प्रयागराज (इलाहाबाद) में ट्रेन से गिरकर दर्दनाक मौत हो गई। आरोप है कि उन्हें, जीआरपी के जवानों ने चलती ट्रेन से धक्का दे दिया था। मामले में 2 जवानों को हिरासत में लिया गया है। गिरिडीह के राजधनवार से विधायक और बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने घटना पर दुख जताते हुए परिजनों से मुलाकात करने की बात कही है।
गौरतलब है कि गांवा थानाक्षेत्र अंतर्गत आरागारो गावं निवासी अरुण भुइयां मुंबई में रहकर काम करता था। वो दिवाली में घर आने के लिए ट्रेन में सवार हुआ था। स्टेशन पहुंचा तो देखा मुंबई मेल रवाना हो रही है। बताया जाता है कि चूंकि ट्रेन निकलने ही वाली थी इसलिए वो टिकट नहीं खरीद सका। रास्ते में उसने टीटीई से टिकट बनवाया और जनरल कोच में सफर करने लगा। परिजनों ने बताया कि प्रयागराज से पहले छिवकी स्टेशन पर जीआरपी कृष्ण कुमार सिंह और आलोक कुमार ने पैसे नहीं देने पर अरुण को ट्रेन से धक्का दे दिया जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई। घटना 19 अक्टूबर की है लेकिन अब प्रकाश में आई है।
22 अक्टूबर (शनिवार) को मृतक अरुण का शव गांव पहुंचा। जहां दिवाली मनाने की तैयारी थी वहां सन्नाटा पसर गया। परिवार वालों का कहना है कि अरुण इससे पहले कभी भी काम की तलाश में बाहर नहीं गया था। तीन छोटे भाई मुकेश, सुनील और बबलू का कहना है कि हमलोग चाहते थे कि भैया घर पर रहकर परिवार की देखभाल करें। अचानक 1 महीने पहले अरुण अपने ससुराल नीमाडीह गया और वहां से 3 छोटे बच्चों और पत्नी क छोड़कर मुंबई चला गया। अब दिवाली और छठ में घर लौट रहा था।
मृतक के भाई मुकेश ने बताया कि उसके पिता की मौत काफी पहले हो चुकी है। उसके घर का अभिभावक उसका बड़ा भाई अरुण ही था। वह घर पर रहता था और राजमिस्त्री का काम करता था। जबकि मुकेश, सुनील व बबलू तीनों केरल में रहकर मजदूरी करते थे। घटना की सूचना पाकर मुकेश घर लौट आया वहीं अन्य दो भाई भी घर लौट रहे हैं। इधर अरुण की पत्नी रिंकी देवी उसके नौ साल की बेटी पिंकी, 6 साल का बेटा प्रेम व ढाई साल का शिवम पिता के मौत के बाद सदमे में है।
पूर्व विधायक सह भाकपा माले नेता राजकुमार यादव ने जीआरपी द्वारा चलती ट्रेन से धक्का दिए जाने के कारण अरुण की हुई मौत पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने रेलवे मंत्रालय से अरुण भुइयां के परिजनों को नौकरी और एक करोड़ मुआवजा देने की मांग की है। वहीं घटना में दोषी दोनों जीआरपी जवानों को कड़ी सजा देने की मांग की है। इसके अलावा प्रवासी मजदूरों के लिए झारखंड में उचित क़ानून बनाने की मांग भी उन्होंने की है।
बीजेपी विधायक दल के नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने घटना पर दुख जताया है। अपने ऑफिशियल ट्विटर पर बाबूलाल मरांडी ने उक्त घटना पर शोक व्यक्त करते हुए अरुण भुइयां की मौत को हृदय-विदारक कहा है। उन्होंने कहा कि जीआरपी जवानों का ये कृत्य किसी भी रूप में क्षम्य नहीं है। उन्होंने मृतक के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।