नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में महासप्तमी (Mahasaptami) के दिन दुर्गा पूजा (Durga Puja) के उत्साह में लोग डूबे थे. मध्य कोलकाता में फिर मकान का एक हिस्सा गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि चार लोग घायल हो गये हैं. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उनकी हालत गंभीर बनी हुई है. बता दें कि पिछले एक माह के दौरान कोलकाता (Building Collapsed) में मकान गिरने और मौत होने की यह तीसरी घटना है. इसके पहले मकान गिरने से दो अलग-अलग घटनाओं में छह लोगों की मौत हो चुकी है.
घटना मध्य कोलकाता के कैनाल ईस्ट रोड नंबर 35 में घटी है. मकान के छत का हिस्सा गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई. मृतक की पहचान अलाउद्दीन गाजी के रूप में हुई है, जबकि चार लोगों को गंभीर चोट लगी है. उन्हें एनआरएस अस्पताल ले जाया गया है. वहां उनका इलाज चल रहा है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि मध्य कोलकाता के कैनाल ईस्ट रोड नंबर 35 स्थित एक मकान में कारखाना चलता है. पूजा के दौरान उनमें मरम्मत का कार्य चल रहा था. उसी समय छत का एक हिस्सा अचानक गिर गया. इसमें मरम्मत का कार्य करने वाले राज मिस्त्री और श्रमिक दुर्घटना के शिकार हुए हैं. पुलिस पूरे मामलों की जांच कर रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि मकान बहुत ही पुराना है और उसकी मरम्मत का काम चल रहा था. उसी दौरान यह दुर्घटना हुई है. यह कारखाना बहुत दिनों बंद था और ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कारखाने में मरम्मत का काम चल रहा था.
नगर निगम के रिकॉर्ड के मुताबिक शहर में खतरनाक घरों की संख्या करीब 3,000 है, लेकिन भवन विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि उनके मुताबिक नगर में ऐसे घरों की संख्या के बारे में नगर पालिका को कोई जानकारी नहीं है. अगर कोई शिकायत करता है तो नगर पालिका जान सकती है कि निर्माण अवैध है, तो उसकी जांच होती है. नगर निगम सूत्रों ने बताया कि नगर आधारित टीम होने के बावजूद सिविल सेवकों की कमी के कारण अवैध निर्माणों पर निगरानी का काम ठीक से नहीं हो पा रहा है. लेकिन अवैध निर्माण की 'बीमारी' इतनी पुरानी होने के बावजूद नगर पालिका को इसकी सही जानकारी क्यों नहीं है? यह सवाल नगर प्रशासन के हिस्से में उठ खड़ा हुआ है.