शहरी विकास मंत्रालय की संसदीय समिति ने बुलाई बैठक, जिसमें दिल्ली के प्रदूषण से निपटने के लिए लिए जाएंगे सुझाए
समिति के चेयरमेन जगदंबिका पाल ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, यूपी के वन मंत्रालय, प्रदूषण मंत्रालय, शायरी विकास मंत्रालय के अफ़सरों को बैठक में हाज़िर रहने के कहा है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दिल्ली के प्रदूषण पर संसद की शहरी विकास मंत्रालय की संसदीय समिति ने बैठक बुलाई है. समिति के चेयरमेन जगदंबिका पाल ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, यूपी के वन मंत्रालय, प्रदूषण मंत्रालय, शायरी विकास मंत्रालय के अफ़सरों को बैठक में हाज़िर रहने के कहा है. बैठक में इन मंत्रालयों से पूछा जाएगा कि दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए संसदीय समिति की तरफ़ से सुझाए गए उपायों के बारे में उठाए गए कदम का क्या हुआ.
बैठक संसद भवन में कल सुबह 11 बजे होगी, संसदीय समिति के सूत्रों के मुताबिक़ दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण की वजह से हालात बेहद ख़तरनाक बने हुए हैं. कोविड काल में प्रदूषण इस महामारी को और विकराल बना सकता है.
संसदीय समिति की तरफ़ से सदस्यों को भेजी गयी चिट्ठी में कहा गया है, ''सम्मानित सदस्यों को सूचित किया जाता है कि शहरी विकास समिति की अगली बैठक शुक्रवार यानी 6 नवंबर को समिति संसद भवन एनेक्सी, में साक्ष्य के लिए आयोजित की जाएगी. आवास और शहरी मामलों, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण-स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के मंत्रालयों के प्रतिनिधि, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, और दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब के एनसीटी की राज्य सरकारें इस विषय पर, दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए उठाए गए कदम, वायु का स्थायी समाधान खोजने पर विशेष जोर, दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण और आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय और दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब के एनसीटी की राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों के साक्ष्य के लिए उपस्थित होंगे.''
आपको बता दे दिल्ली में पिछले एक महीने से वायु प्रदूषण का स्तर बेहद ख़तरनाक श्रेणी में पहुंच गया है. पंजाब, हरियाणा समेत यूपी में भी पराली जलाने की समस्या भी सामने आ रही है. गुरुवार को दिल्ली, एनसीआर में वायु प्रदूषण 500 आस पास पहुंच गया था, एयर क्वालिटी इंडेक्स के मुताबिक़ ये बेहद ख़तरनाक श्रेणी का माना जाता है. अब संसद की शहरी विकास मंत्रालय की संसदीय समिति ने पिछले साल इन मंत्रालयों और राज्यों से कड़े कदम उठने के निर्देश दिए थे. अब इस बार संसदीय समिति इन मंत्रालयों और विभागों से पूछेगी की वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठाए गए.