संसद सत्र: 17 नए विधेयकों को मंजूरी का इंतजार, इस महत्वपूर्ण कामकाज से हो सकता है हंगामा
कोरोना महामारी संकट के बीच संसद का मानसून सत्र सोमवार 19 जुलाई से शुरू हो गया है।
कोरोना महामारी संकट के बीच संसद का मानसून सत्र सोमवार 19 जुलाई से शुरू हो गया है। यह सत्र 13 अगस्त तक चलेगा। यह मौजूदा 17वीं लोकसभा का छठा और राज्यसभा का 254वां सत्र है। करीब 26 दिन चलने वाले इस सत्र में कुल 19 बैठकें होंगी। इस दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर मुहर लगने की उम्मीद है। सरकार की ओर से 23 विधेयक को पारित कराने की तैयारी है जिनमें से तीन मौजूदा अध्यादेश की जगह लाए जाएंगे।
सत्र शुरू होने के 42 दिन के अंदर किसी भी अध्यादेश की जगह विधेयक पेश करना अनिवार्य होता है। मानसून सत्र में पेश होने वाले तीन अध्यादेशों में से एक आवश्यक रक्षा सेवा अध्यादेश, 2021 है जो 30 जून को आर्डिनेंस फैक्टरी बोर्डों को पुनर्गठित कर कंपनियों में बदलने के आदेश के खिलाफ कर्मचारी संगठनों को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से रोकने के लिए लाया गया था। इसकी जगह लेने के लिए आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक पेश किया जाएगा। इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और नजदीकी क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग विधेयक, 2021 भी एक अध्यादेश की जगह लेगा। इसके अलावा दिवालिया और बैंकरप्सी कोड बिल भी अध्यादेश की जगह लेगा।
संसद के इस मानसून सत्र में 17 नए विधेयक भी संसद के समक्ष पारित कराने के लिए रखे जाएंगे, जिसमें मानव तस्करी (रोकथाम,संरक्षण व पुर्नवास) विधेयक, विद्युत (संशोधन) विधेयक, पेट्रोलियम व खनिज पदार्थ (संशोधन) विधेयक, इंडियन अंटार्कटिका विधेयक भी शामिल है। विपक्ष भी संसद के मानसून सत्र का बेसब्री से इंतजार कर रहा था और संसद के दोनों सदनों में कई मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाने की तैयारी में है। पेट्रोल और डीजल के
बढ़ते दाम, मंहगाई, कोविड-19 के दूसरे वेव में हुए मौतों और ऑक्सीजन की कमी, किसान आंदोलन, लक्षद्वीप प्रशासन के नए प्रस्तावित कानूनों और राजद्रोह को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सवाल जैसे कई महत्वपूर्ण विषय विपक्ष राज्यसभा और लोकसभा में उठाने का प्रयास करेगा। ऐसे में संसद में इन सभी मुद्दों पर संसद में जोरदार हंगामा होने के आसार भी नजर आ रहे हैं।