जिंदा बेटी का मृत्यु भोज करने पर मजबूर हुए मां-बाप, जानिए क्या है वजह
पुलिस भी हुई हैरान
भीलवाड़ा। राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में एक लड़की के माता-पिता ने उसके जिंदा रहते मौत का शोक-संदेश छपवा दिया. ये शोक-संदेश सोशल मीडिया पर खूब वायरल भी हुआ. राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में रतनपुरा गांव है. थाना लगता है हमीरगढ़. गांव के भैरूलाल लाठी और उनकी पत्नी हेमलता ने बेटी प्रिया जाट की सगाई पास के डंठल गांव के रहने वाले कमलेश जाट से की थी. बाद में दोनों परिवारों में कुछ विवाद हो गया और शादी टूट गई. इसके बाद मां-बाप बेटी प्रिया के लिए और रिश्ते देखने लगे. लेकिन उसने पढ़ाई की बात कहकर शादी से इनकार कर दिया. वो कमलेश के साथ प्रेम-संबंध में थी.
रिपोर्ट के मुताबिक बीते महीने वो बैंक के काम के बहाने घर से गई और कमलेश से शादी कर ली. अब लड़की के माता-पिता ने विस्तार से पूरी कहानी बताई है. इसके बाद 17 मई को प्रिया और कमलेश ने आर्यसमाज मंदिर में शादी कर ली. अगले दिन प्रिया के घर वालों ने हमीरगढ़ थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई. लेकिन प्रिया पति कमलेश के गांव सदर थाना क्षेत्र में आने वाले थाने में गई और अपना बयान दर्ज कराया. कहा कि उसने अपनी इच्छा से कमलेश से शादी की है. इधर जब प्रिया के माता-पिता हमीरगढ़ पुलिस के साथ, सदर थाना पहुंचे तो बेटी ने कथित रूप से मां-बाप को पहचानने से भी इनकार कर दिया.
पिता ने बेटी से कहा था कि
"हमने कमलेश के परिजनों से कहा आप उन दोनों को वापस बुला लीजिए. हम सामाजिक रीति-रिवाज से दोनों की शादी करवाने को तैयार हैं. कमलेश के घर वाले हमारे घर भी आए. साथ में खाना खाया. लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं मानी. वे हमें गुमराह करते रहे. जबकि लड़का और लड़की उनके संपर्क में थे. फिर जब सदर थाने से फ़ोन आया कि प्रिया और कमलेश आ गए हैं तो भी हमने कहा कि हम रिपोर्ट वापस ले लेते हैं, लेकिन वो नहीं माने. और सदर थाने में दोनों ने अपने बयान दर्ज करवाए."
मां ने प्रिया से कहा था कि
"मैंने प्रिया से कहा कि तुम्हारी शादी इसी लड़के (कमलेश) से करवा देंगे. लेकिन थाने में उसने साफ़ कह दिया कि मैं आपको नहीं जानती हूं. उसने अपने माता-पिता की तरफ देखा तक नहीं जैसे कि हम अनजान हों. और उसके साथ कोई जबरदस्ती कर रहे हों."
"पुलिस वालों ने कहा कि लड़की 18 साल की हो गई है. लेकिन मैं सरकार से कहना चाहती हूं कि क्या लड़की खुद से इतनी बड़ी हो जाती है. हमने उसे सालों पाला. पढ़ाया, लिखाया. क्या हमारा उस पर कोई अधिकार नहीं है?"
मां-बाप का कहना है कि इस पूरे प्रकरण से दुखी होकर उन्होंने बेटी के नाम का शोक संदेश जारी किया है. इसमें उसकी मृत्यु की तारीख 1 जून और मृत्यु भोज की तारीख 13 जून लिखी है. भैरूलाल कहते हैं कि हम 13 जून को मृत्यु भोज जरूर करेंगे ताकि आने वाली पीढ़ी ऐसा न करे. उधर कमलेश के परिवार ने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. वहीं पुलिस मामले के निपटारे का दावा कर रही है. हमीरगढ़ थाना प्रभारी भंवर लाल ने कहा कि 18 मई को एक लड़की की गुमशुदगी दर्ज हुई थी. वह मिल गई और उसके बयान लिए जा चुके हैं. लड़की बालिग है और अपनी इच्छा से लड़के के घर चल गई है. गुमशुदगी की शिकायत का निस्तारण हो चुका है. अब कोई प्रकरण लंबित नहीं है.